अणुव्रत विश्व भारती के तत्वावधान में अणुव्रत समिति द्वारा आयोजित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के तहत ’पर्यावरण शुद्धि दिवस’ माधावरम के जैन तेरापंथ नगर में ’तीर्थंकर संवसरण’ के ’पावस प्रवास’ में विराजित साध्वीश्री डॉ. गवेषणाश्री जी ठाणा – 4 के सान्निध्य में मनाया गया।
नवरात्रि के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष अनुष्ठान के पश्चात, साध्वीश्री जी द्वार मंगलाचरण में ’अणुव्रत गीत’ का संगान हुआ
साध्वीश्री जी ने अपने उधबोदन में कहा की आज पर्यावरण शुद्धि दिवस जिसका मतलब है-’परि$आवरण’ यानी चारो और से घिरा हुआ, प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य बनता है की वह पर्यावरण के प्रति जागरूक हो, ’एकिंदीर्य’ (वनस्पति काय की हिंसा से बचे) तथा अपने अंतर मन के पर्यावरण को शुद्ध रखने का प्रयास करें।
अणुविभा उपाध्यक्ष श्रीमती माला बाई कात्रेला ने अपने वक्तव्य में कहा की आचार्य श्री तुलसी द्वारा स्थापित यह अणुव्रत आंदोलन उन्हीं की दूरदर्शी सोच का परिणाम है की आज पर्यावरण के प्रति सरकार और समाज दोनों को जागरूक रहना पड़ रहा है। उन्होंने श्रवण कुमार की लघु कथा द्वारा पर्यावरण शुद्धि का सार रखा। पर्यावरण शुद्धि सिर्फ पेड़ पौधों तक सीमित नहीं है, जल, गगन, अंबर तीनों को दूषित किए बिना रहना है। समिति के अध्यक्ष श्री ललित आंचलिया के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम ने समिति सदस्य उषा आंचलिया समेत श्वेतांबर तेरापंथ ट्रस्ट माधावरम के अध्यक्ष श्री घिसूलाल जी बोहरा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
द्वितीय चरण में अणुव्रत समिति, चेन्नई द्वारा पर्यावरण शुद्धि दिवस के प्रांजल अवसर पर जैन तेरापंथ नगर में पौधों का वितरण किया और आचार्य महाश्रमण स्कूल मैदान में पौधों का रोपण किया – स्कूल के मुख्याध्यापिका ने अणुव्रत समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की
अणुव्रत समिति चेन्नई ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह की मीडिया पार्टनर राजस्थान पत्रिका के प्रति आभार व्यक्त किया।
