मुनिश्री यशवन्त कुमार एवं मुनिश्री मोक्षकुमार के पावन प्रेरणा से स्थानीय नवकार माध्यमिक विद्यालय जसोल में शुक्रवार सुबह आठ बजे अणुव्रत समिति जसोल के तत्वावधान मे अणुव्रत उद्बोधन का चौथा दिन पर्यावरण शुद्धि दिवस के रूप मे मनाया गया।
सर्वप्रथम मंगलाचरण संयममय जीवन हो, गीत का संगान नवकार स्कूल की बालिकाए ने किया। स्वागत भाषण अणुव्रत समिति के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा व स्कूल अध्यापक ओमसिंह ने दिया। अणुव्रत के पूर्व अध्यक्ष डुंगराराम बोगु ने कहा पर्यावरण जलवायु स्वच्छता प्रदुषण तथा वृक्ष का सभी को मिलकर बनता है, और ये सभी चीजे यानी कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखना है और उसे प्रभावित करता मनुष्य और पर्यावरण एक दुसरे पर निर्भर होते है। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षो का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर असर दालता है। अणुव्रत समिती के प्रभारी श्रीमती लीला सालेचा ने कहा मानव कि अच्छी – बुरी आदते जैसे वृक्षो को सहेजना, जलवायु प्रदूषण करना, स्वच्छता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। जसोल सरपंच ईश्वरसिंह चौहान ने कहा कि मनुष्य कि बुरी आदते जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों कि अत्यधिक मात्रा मे कहा करना आदि पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद मे मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना पडता है। नवकार स्कूल के प्रधानाचार्य श्रीमती किरण महेश्वरी ने आभार व्यक्त किया। जसोल सरपंच ईश्वरसिंह चौहान व नवकार स्कूल के प्रधानाचार्य श्रीमति किरण माहेश्वरी को अणुव्रत दुप्पटा पहना कर स्वागत किया। नवकार स्कूल के 540 बालक-बालिकाएं व अध्यापकगणों को संयम संकल्प पत्र भरवाए गए। इस कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति के मंत्री सफरुखान ने किया।
इस अवसर पर अणुव्रत समिति के प्रचार-प्रसार मंत्री डुंगरचन्द बागरेचा व स्कूल के अध्यापक – अध्यापिकाएं लक्ष्मण सिंह, चन्द्रप्रकाश, माणक चन्द, विक्रम सिंह, उमेशसिंह, दिग्विजयसिंह, विक्रम सोलंकी, विनोद, कोमल शर्मा, नम्रता सोनी, शिल्पा शर्मा, प्रिती शर्मा, धापू राठौड़, रविना, नितु, बितिका, मंजू आदि सदस्यगण उपस्थित थे।
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