अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के निर्देशन में अणुव्रत समिति, बेंगलुरु द्वारा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का चतुर्थ दिवस ‘पर्यावरण दिवस’ तेरापंथ सभा भवन, गांधीनगर में साध्वीश्री उदितयशा जी आदि ठाणा के सान्निध्य में आयोजित हुआ। साध्वीश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोचार के पश्चात समिति अध्यक्ष देवराज रायसोनी ने स्वागत वक्तव्य दिया। साध्वीश्री उदितयशा जी ने मंगल पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि हमारे चारों ओर पृथ्वी, पानी, वृक्ष आदि का आवरण है। अगर हम इनके साथ छेडखानी करते है तो प्रकृति अवश्य बदला लेती है। लोभ के कारण व्यक्ति पर्यावरण से छेडखानी कर रहा है। आचारंग सूत्र में पर्यावरण को सुरक्षा का सूत्र बताया है। जो पर्यावरण की सुरक्षा करता हैं वह अपनी सुरक्षा करता है। आडंबर के कारण अतिरिक्त अपव्यय हो रहा है। शादिया, बर्थडे भी आकर्षण का केंद्र बन गया है, जिसमें कागज, बिजली, प्लास्टिक, पानी आदि का अपव्यय हो रहा है। अणुव्रत के माध्यम से भीतर के प्रदूषण को मिटायें।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष माणकचंद संचेती, मंत्री हरकचंद ओस्तवाल, संघठन मंत्री निर्मल पोकरणा, माणकचंद बरलोटा, राकेश चोरडिया, कविता पोरवाल, पवन संचेती, मीना रायसोनी, महावीर मुथा ने लाभ लिया। सभी का आभार उपाध्यक्षा श्रीमती शांति सकलेचा ने किया।
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