अणुव्रत समिति द्वारा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत चौथे दिन ‘पर्यावरण शुद्धि दिवस’ तेरापंथ भवन में मनाया गया! मुनि देवेंद्र कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में पर्यावरण प्रदूषण बड़ी गंभीर चुनौती बना हुआ है। पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेवारी है।
उन्होंने कहा कि असंयम के कारण पर्यावरण प्रदूषण होता जा रहा है। अब समय आ गया है कि हमें अपनी इच्छाओं का सीमा करण करना चाहिए ताकि पर्यावरण प्रदूषण जैसी चुनौती से निपटा जा सके! उनके सहयोगी संत मुनि पृथ्वीराज स्वामी ने कहा की हमें अपने कर्तव्यों के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारियां को भी समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की असीमित इच्छाओं ने पर्यावरण के सामने गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। मुनि श्री ने कहा की आचार्य तुलसी ने 1949 में पर्यावरण की समस्या के प्रति सचेत होते हुए पर्यावरण शुद्धिकरण को अणुव्रत की आचार संहिता में समाहित किया था। उन्होंने कहा कि आज जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वैचारिक प्रदूषण जैसी अनेक समस्याएं बढ़ती जा रही हैं और इन सब का समाधान संयम की जीवन शैली में समाहित है! अणुव्रत समिति के संरक्षक सुरेंद्र जैन एडवोकेट ने कहा कि आचार्य तुलसी द्वारा प्रदत्त अणुव्रत की अचार संहिता में पर्यावरण प्रदूषण की सभी समस्याओं का समाधान मिल सकता है! और हम सबको अणुव्रत जीवन शैली अपनानी चाहिए। समिति के मंत्री बृजेश आचार्य ने स्वागत वक्तव्य दिया और कहा कि अणुव्रत पर आधारित छोटे-छोटे संकल्प बड़े-बड़े परिवर्तन ला सकते हैं! समिति के अध्यक्ष रमेश बंसल ने कहा कि त्योहारों के नाम पर पटाखे और बम चला कर प्रदूषण को बढ़ाया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की की आगामी दीपावली के त्योहार पर अपने बच्चों तथा आसपास के बच्चों को समझा कर बम और पटाखे नहीं चलाने के लिए प्रेरित करें ताकि प्रदूषण के स्तर को कम रखा जा सके। उन्होंने लोगों से अपील की की पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करना चाहिए!
इस अवसर पर विकास जैन मानिकचंद नाहटा ,शुभम जैन, सुभाष जैन, वनिता जैन, निरंजन लाल, रमेश जैन, देवी चंद जैन तथा बैजनाथ जैन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
