दिनांक 02 अक्टूबर, 2024, अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के निर्देशन में अणुव्रत समिति, बेंगलुरु द्वारा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का द्वितीय दिवस ‘अहिंसा दिवस’ तेरापंथ सभा, गांधीनगर में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री उदितायशा जी ठाणा ४ के सान्निध्य में आयोजित हुआ।
साध्वीश्री द्वारा नमस्कार मंत्र से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । अणुव्रत समिति की बहनों ने गीतिका संगान किया। समिति अध्यक्ष देवराज रायसोनी ने उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं श्रद्धालु का स्वागत किया । तेरापंथ सभा, गांधीनगर के उपाध्यक्ष विनय बैद ने अपने विचारों में अणुव्रत की आचार संहिता के बारे में बताते हुए कहा कि हमारा साध्य अगर शुद्ध है तो अवश्य ही साधना भी शुद्ध होनी चाहिए ।
साध्वीश्री संगीतप्रभा जी ने प्रेरणा पाथेय प्रधान किया और कहा कि अणुव्रत की शुरुआत संवत 2005 में गुरुदेव तुलसी ने किया । अणुव्रत को धर्म के साथ तो जोड़े लेकिन संप्रदाय के साथ ना छोड़े । अणुव्रत की विस्तार जानकारी श्रावक समाज को दिया । साध्वीश्री उदितयशा जी ने धर्म सभा को प्रेरणा देते हुए कहा कि अणुव्रत सप्ताह के इस दिन अहिंसा को अपने जीवन में अपनाएं । आज गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी के जीवन को अणुव्रत का जीवन कहां और गांधी जी का और तुलसी के विचार समान थे । साध्वीश्री ने फरमाया कि आगम में अहिंसा को श्माताश् की उपमा दी।
कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री हरकचंद ओस्तवाल ने किया। कार्यक्रम के दौरान अणुव्रत प्रबोधन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में समिति पदाधिकारीगण, समिति सदस्यगण, संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं श्रद्धालुओं की भरपूर उपस्थिति रही ।
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