तेरापंथ भवन में विराजित साध्वीश्री विशदप्रज्ञा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का तीसरा दिन अणुव्रत प्रेरणा दिवस व नवरात्रि जप अनुष्ठान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री मनन यशा जी द्वारा गीतिका से मंगलाचरण हुआ। साध्वी श्री विशद प्रज्ञा जी ने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि अणुव्रत-अणु यानी छोटा व्रत यानी नियम छोटे -छोटे व्रत को अणुव्रत कहा गया है। साध्वी श्री प्रशम यश जी ने अणुव्रत के नियमों का उल्लेख करते हुए। आचार्य श्री तुलसी के अवदानों से अवगत कराया। आज के अणुव्रत प्रेरणा दिवस के मुख्य वक्ता श्रीमान मोतीलाल जी डांगी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अणुव्रत गुरुदेव श्री तुलसी के जीवन का एक बहुत बड़ा मिशन था। अणुव्रत जीवन विशुद्धि का एक रचनात्मक कार्यक्रम है। जो व्यक्ति-व्यक्ति में प्रेम व विश्वास का संकल्प जगाहकर उसको सही आधार प्रदान करता है कि मनुष्य अपने आचार को शुद्ध विचारों एवं व्यवहार को प्रमाणिक रखे। इस अवसर पर यशवंत कुमार जी चोरडिया, मनोहर लाल जी पीतीलिया, देवेंद्र कुमार जी मेहता, ज्ञानेश्वर जी मेहता, महेंद्र जी बोहरा, देवेंद्र जी पीतलिया व रेणू जी छाजेड़, संगीता जी पामेचा,अनीता जी छाजेड़, चेतना जी डांगी, इंदु जी बोहरा व श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही कार्यक्रम की जानकारी रजद प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी।
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