युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य और चारित्र आत्माओं के संग अवधान की रोमांचक प्रस्तुति, महाप्रज्ञ सभागार (कॉन्फ्रेंस हॉल) संयम विहार, भगवान महावीर विश्वविद्यालय, सूरत में हुई।
इस अद्वितीय कार्यक्रम का आयोजन सूरत चातुर्मास व्यवस्था समिति के अंतर्गत, भगवान महावीर यूनिवर्सिटी के साथ, तेरापंथ युवक परिषद सूरत और तेरापंथ किशोर मंडल सूरत द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार मुनिश्री गौरव कुमार जी, मुनिश्री हितेंद्र कुमार जी और मुनिश्री जागृत कुमार जी, जिनकी सन्निधि में अवधान कार्यक्रम हुआ और हजारों श्रावक-श्राविकाओं ने इस कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, विशेष उल्लेखनीय है कि 11,000 से अधिक लोगों ने इसे कार्यक्रम को श्रज्छ चौनल के माध्यम से लाइव देखा। जिससे कार्यक्रम की व्यापक लोकप्रियता और प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है।
तीनों मुनिश्रियों ने सम्भवतया 3.30 घंटे में 100 अवधान प्रस्तुत किए, जिनमें मुनिश्री द्वारा 70 से अधिक वस्तुओं को याद किया और सत्र के अंत में श्रावक समाज द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए। इस अवधान के माध्यम से श्रावकों ने मस्तिष्क की अनंत क्षमताओं को प्रत्यक्ष रूप से देखा और समझा। तीनो मुनिश्री द्वारा इस अवसर पर स्मरण शक्ति को ओर तीव्र करने के कुछ महत्त्वपूर्ण तरीकों को साझा किया और इस परंपरा को जीवित रखने की महत्ता पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर सूरत चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री संजय सुराणा, महामंत्री श्री नानालाल राठौड़, उपाध्यक्ष श्री अनिल चंडालिया, श्री अंकेश भाई, डॉ. रमेश जैन आदि आदि की गरिमामय उपस्थिति रही। तेयुप अध्यक्ष श्री अभिनंदन गादिया द्वारा उपस्थित सभी श्रोताओं का वक्तव्य से अभिनंदन किया।
इस अवधान के माध्यम से श्रावक समाज को अपने मस्तिष्क की अपार क्षमता और स्मरण शक्ति को समझने का अवसर मिला और सभी ने इस कार्यक्रम की उत्कृष्टता की भूरी-भूरी प्रशंसा की। तेरापंथ युवक परिषद और किशोर मंडल ने परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी और समस्त मुनिश्री के प्रति अपनी अनंत कृतज्ञता व्यक्त ज्ञापित की, जिनके मंगल आशीर्वाद से यह ऐतिहासिक आयोजन संभव हो पाया।
कार्यक्रम का सफल संचालन श्री भव्य बोथरा और श्री गणेश बम्ब द्वारा किया गया।