डॉ. मुनि आलोक कुमार जी, मुनि श्री हेम कुमार जी के सान्निध्य में अहिंसा दिवस मनाया गया। मुनि श्री आलोक कुमार जी ने कहा 2 अक्टूबर को पूरा विश्व में गांधी जयंती मनाई जाती है और आज ही दो अक्टूबर अहिंसा दिवस भी मनाया जा रहा है आदमी शांति चाहता है सुख आनंद का विकास चाहता है तो अहिंसा का मार्ग अपनाना है सुख पर विजय पाना है अहिंसा की मैत्री की भावना का विकास हो अपने गुनो को बढ़ाएं मैत्री का भाव होता है तो शेर भी अनुकूल हो जाता है हमारे भीतर अहिंसा का भाव हो कटुता का भाव ना हो।
मुनिश्री हेम कुमार जी ने कहा मेरी आत्मा की चादर अब कब धुलसि गीतिका से शुरुआत की हम रोज घर की सफाई शरीर की सफाई तो करनी ही पड़ती है आत्मा की सफाई कब करेंगे। किसी ने आपको कुछ बोल दिया तो जीवन भर याद रखते हो पर आत्मा की शुद्धि के लिए प्रवचन भी किसी को याद रख सकते हो क्या पैसे का इन्वेस्ट वही करते हो जहां फायदा हो वैसे ही आपको वाणी का, संयम का, मन का इन्वेस्ट कहां करना हे।जहा आपको फायदा हो वो सोचना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट गेस्ट जीतो एपेक्स इंटरनेशनल अध्यक्ष श्री विजय जी भंडारी थे।
अनुविभा से पुष्पा कटारिया, पुणे अणुव्रत समिति अध्यक्ष धर्मेंद्र चोरड़िया, मंत्री मुकेश सकलेचा ने प्रोग्राम को सफल बनाया। भारत देश से उठी अहिंसा की आवाज आज विश्व की आवाज बन चुकी है। अहिंसा अणुव्रत की आत्मा है और एक सुखमय, शान्तिमय विश्व की कल्पना का आधार भी। आज जहाँ दुनिया में हिंसा अपने पैर पसार रही है, अणुव्रत की उपादेयता और भी बढ़ गई है। आवश्यकता है, अहिंसा शब्दों से आगे बढ़ कर जीवन में उतरे। आइए, अहिंसा का सही अर्थ हम स्वयं समझें और जन-जन को अहिंसा में प्रशिक्षित करने के अभियान से जुड़े।
