मुनिश्री अर्हत कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में दिंनाक 27 सितम्बर, 2024 अणुव्रत भवन में सुबह 9ः00 बजे श्रीमती भानुलता अनिल कुमार जी छाजेड के मासखमण तप का अभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुनिश्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि तप वह मनोहर बगिया है जिसमें रमन करने वाले अपने जीवन को रमणीय बना लेता है तप वह दिव्य औषधि जो आत्मा को स्वस्थता प्रदान करती है तप आत्म शक्ति को एकटिवेट कर देता है मोक्ष के चार प्रशस्त मार्गाे में चौथा मार्ग है तप। तप के निर्मल घाट पर ही तीव्र मनोबल दृढ़ इच्छाशक्ति का पवित्र संगम होता है। यह सुविचार मुनिश्री अर्हत कुमार जी ने मासखमण तप अभिनंदन समारोह में व्यक्त किये उन्होंने आगे कहा तपस्या पाषाण को पारस जीवन को चंदन लोहे को कुंदन एवं आत्मा को उज्जवल बनती है। भानुलता ने अपने आत्म मनोबल को तोलते हुए तप का नवसरहार पहना है। भानुलता इसी प्रकार तप के समरांगन में बढ़ती हुई आत्मकल्याण के पथ पर अग्रसर रहे। मुनि श्री भरत कुमार जी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।
आचार्य श्री महाश्रमण जी एंव साध्वीप्रमुखाश्री जी द्वारा प्रदत्त पावन संदेशों का वाचन एंव गीत का संगान बाल संत जयदीप कुमार जी ने किया। अभिनंदन पत्र का वाचन तेरापंथ सभा सहमंत्री श्री विकास जी बुच्चा ने किया। छाजेड पारिवार व बांठिया परिवार ने गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल बहनों ने गीत के संगान के साथ तप की अनुमोदना की। श्रदानिष्ठ श्राविका पुष्पा बाई लोढ़ा ने अपने विचार व्यक्त किये। तेरापंथ सभा अध्यक्ष, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष, तेरापंथ प्रोफेशनल फॉर्म अध्यक्ष द्वारा तपस्वी बहन का सम्मान एंव तप अभिनन्दन पत्र भेंट किया। पधारे हुए सभी पदाधिकारी गण एंव श्रावक-श्राविका समाज द्वारा तपस्वी बहन के तप की अनुमोदना की। समाज की गरिमामयी उपस्थिति रही।
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