प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष का पावन प्रारम्भ अवसर पर तेरापंथ भवन में प्रेक्षाध्यान प्रयोग कार्यशाला प्रातः 7 बजे रखी गई। प्रेक्षाध्यान के अभ्यास से असीम शांति, आनंद, और सुख के अनुभव को सभी ने आत्मसात किया।
कार्यक्रम का आरंभ मंगलभावना लय से श्री मती सरला देवी दुगड़ ने करवाया।
हम आसन और प्राणायाम को ही योग मान लेते हैं पर मूल लक्ष्य आत्म साक्षात्कार है और वो प्रेक्षा ध्यान द्वारा संभव है। प्रेक्षा संबधित गीत ’आत्म साक्षात्कार प्रेक्षा ध्यान के द्वारा’ श्रीमती सीमा डागा ने प्रस्तुत किया।
सभा अध्यक्ष श्री बिजय सिंह जी सेठिया ने प्रेक्षाध्यान की उपयोगिता पर अपने विचारों को रखा। श्रीमती सरिता रांका ने गुरुदेव के संदेश का वाचन किया। प्रेक्षा ट्रेनर श्रीमती कविता दुगड़ ने प्रेक्षाध्यान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कुशलपूर्वक आसन, प्राणायाम, कायोत्सर्ग के साथ स्वास प्रेक्षा के प्रयोग से सभी को लाभान्वित किया।
कार्यक्रम का संयोजन महिला मंडल की मंत्री श्रीमती स्नेहा भंसाली ने किया। सभी की उपस्थिति से प्रेक्षा ध्यान प्रयोग का यह कार्यक्रम लक्ष्य की ओर अग्रसर रहा। आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी द्वारा प्रदत प्रेक्षाध्यान सिर्फ योग ना होकर आत्मा के अस्तित्व को आत्मसात कर आत्म साक्षात्कार का एक पावन मार्ग है जो मंजिल की ओर ले जाने कि सही दिशा बताता है।
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