Jain Terapanth News Official Website

प्रेक्षा कल्याण वर्ष का शुभारंभ : जलगाँव

Picture of Jain Terapanth News

Jain Terapanth News

मंगलमय शुरुवात हुई। साध्वीश्री प्रबलयशाजी ने नवकार मंत्र जाप से शुरुआत कर साध्वी सुयशप्रभाजी एवं सौरभप्रभाजी ने प्रेक्षा गीत संगान किया। साध्वीश्री प्रबलयशाजी ने आचार्य श्री महाप्रज्ञजी द्वारा प्रदत प्रेक्षाध्यान प्रणाली का महत्व एवं जीवन में इसकी उपयोगिता की सविस्तृत जानकारी दी। प्रेक्षा इंटरनेशनल एवं फाउंडेशन की और से उमेशजी सेठिया ने प्रेक्षाध्यान क्यों करें, समताल श्वास प्रेक्षा, कायोत्सर्ग का हमारी प्राण ऊर्जा केंद्रित करने एवं सकारात्मकता बढ़ने के फायदे बताये एवं प्रेक्षाध्यान का ८० देशों में हो रहे उपयोग एवं ध्यान से कैसे जुड़े रहे इस पर चर्चा की। उमेश जी ने प्रेक्षा मोबाइल एप की उपयोगिता एवं इसमें उपलब्ध अनेक सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की एवं प्रेक्षाध्यान शिविर में सहभागिता की अपील की।
साध्वी सुयशप्रभाजी ने प्रेक्षाध्यान के दीर्घ श्वास प्रेक्षा, महाप्राण ध्वनि के अभिन्न प्रयोग करा सभी को तरोताजा कर दिया। प्रेक्षाध्यान प्रणाली की शुरुवात आचार्य तुलसी के कार्यकाल में वर्ष १९७५ में आचार्य महाप्रज्ञजी ने अपने प्रदीर्घ अविष्कार एवं अनुभव से शुरुवात की एवं आज सम्पूर्ण जगत में लगभग ५५०,००० लोगों ने इसका लाभ लिया है! प्रेक्षाध्यान प्रणाली यह विज्ञान आधारित, प्रायोगिक अनुभव एवं निरंतर स्वयं उपयोग से निर्मित एक संपूर्ण प्रणाली है जिसका कुछ मुख्य उद्देश हमें अपने बाह्य जगत से आतंरिक यात्रा करना, अपनी प्राण शक्ति का संवर्धन, ध्यान एवं लेश्या के माध्यम से प्रगति पथ पर अग्रसर होने के लिए निरंतरता, हमारे जीवन में सकारात्मकता का ऊर्ध्वारोहण करना यह मुख्य उद्देश्य एवं परिणाम है।
अगले चरण में साध्वीश्री प्रबलयशाजी ने तपस्वी शुभकरणजी बैद को मासखमण तप की पचखावणी कराई एवं चौनरूपजी बैद को मौन का मासखमण का प्रत्याख्यान कराया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष पवन सामसुखा, महिला मंडल अध्यक्षा निर्मल जी छाजेड़, युवक परिषद् अध्यक्ष पंकज जी सुराणा ने प्रेक्षाध्यान को अपने निजी जीवन में उतारने के लिए सभी से आवाहन किया एवं भाई शुभकरणजी बैद के तृतीय मासखमण तप की अनुमोदना की। परिवार की तरफ से जतनलालजी सेठिया, ठाकुर मल जी सेठिया, माणकचंद जी बैद ने तप अनुमोदना की एवं परिवारजनों ने तप अनुमोदना गीत गायन किया। तपस्वी भाइयों का सम्मान साहित्य द्वारा तपस्या करने वालों के द्वारा किया गया इस मासखमण में तपस्वी शुभकरणजी के आवाहन पर समाज के लगभग ३१ भाई-बहनों ने तप अनुमोदन में एक उपवास करने का संकल्प लिया।

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स