जीतो द्वारा आयोजित तप अनुमोदना एवं सामूहिक क्षमापना का कार्यक्रम इचलकरंजी विराजित सभी साधू साध्वी के सान्निध्य मे महावीर भवन मे सम्पन हुआ। आज का आयोजन एक ऐतिहासिक आयोजन था। इचलकरंजी नगरी में पहली बार सभी सम्प्रदाय के साधु-साध्वी एवं जैन भाई बहन एक छत के नीचे क्षमायाचना एवं तपोवंदना कर रहे थे।
शासनश्री साध्वीश्री कंचनप्रभाजी ने अपने मंगल उधबोधन में कहा कि क्षमा करना और क्षमा मांगना एक वीर की परिभाषा है। शासनश्री साध्वीश्री मंजुरेखाजी ने अपने मंगल पाथेय बताया हर रिश्ते मे क्षमा का महत्व सबसे बड़ा होता है एवं सारे संप्रदाय में ऐसे ही एकता जरूरी है और हमेशा एकता रहे ऐसी प्रेरणा सबको दी। ऐसे कार्यक्रम के लिए जीतो की सरहाना की।
सारे सम्प्रदाय के साधु-साध्वी ने अपने भाव प्रकट किये। आये हुए सभी तपस्वियों का जीतो परिवार ने अभिनन्दन किया।
अरुण ललवानी ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कमलेश चोरडिया ने किया।