तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, रायपुर द्वारा ‘गुड लाईफ गुड लक’ पर भव्य सेमिनार का आयोजन रायपुर स्थित श्री लाल गंगा पटवा भवन, टैगोर नगर में मुनिश्री सुधाकर जी व मुनिश्री नरेश कुमार जी के सान्निध्य में किया, जिसमें विशाल जनमेदिनी में रायपुर के अलावा विभिन्न शहरों से श्रावक-श्राविकाओं का आगमन हुआ विशेष रूप से छत्तीसगढ़ शासन के महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका मुख्य अतिथि व मार्वल टी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री प्रवीण जी जैन विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। लगभग ढाई घंटे चले सेमिनार में मुनि सुधाकर ने नवग्रह को अपनी छोटी छोटी आदतों से कैसे अनुकूल बनाया जा सकता है बताया। मुख्य अतिथि महामहिम ने पूर्व में तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य श्री महाश्रमण जी के विभिन्न क्षेत्रों पर किए हुए दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं जल्द ही सूरत में आचार्य श्री के दर्शन करूँगा। राज्यपाल महोदय ने कहा कि मुनिश्री ने जो छोटी-छोटी बातें हमें बतलाई हैं उसे जीवन में उतारने का हमें लक्ष्य रखना चाहिए। ज्ञातव्य है मुनिश्री का संबोधन पूरा होते ही महामहिम ने कहा कि यदि मुनिश्री आपके पास में अपना संबोधन नोट किया हुआ हो तो हमें देवें। मुनिश्री ने जब डायरी बतायी तो महामहिम ने एडीजी को उस डायरी की कापी कराने का निर्देश दिया।
सेमिनार का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से किया गया। मुनि सुधाकर जी ने अष्ट कर्माें व नवग्रहों का तुलनात्मक संबंध बताते हुए आगे कहा कि कर्म हो या ग्रह जिम्मेदार व्यक्ति स्वयं होता है। अपने उत्थान, पतन, सुख दुख का कारण भी व्यक्ति स्वयं होता है। व्यक्ति की क्रिया ही कर्म व ग्रह के परिणाम के रूप में फल देती है किंतु हर व्यक्ति में वह शक्ति और सामर्थ्य होता है कि वह अपने किए हुए फलों में भी शुभ व अशुभ परिवर्तन कर सकता है।
मुनिश्री ने नव ग्रहों का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा हम अपने आदत व स्वभाव से ग्रहों के प्रभाव को प्रभावित कर सकते हैं।
मुनि नरेश कुमार जी का विशेष वक्तव्य हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागत वक्तव्य अध्यक्ष श्री तरुण नाहर ने दिया एवं आभार मंत्री अरुण सिपानी व कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती गादिया व श्रीमती रितु चौरड़िया ने किया। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद्, अणुव्रत समिति सहित सभी संस्थाओं की गरिमामय उपस्थिति रही।
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