साध्वी श्री संगीतश्री जी के सानिध्य में तपोभिनंदन समारोह: मासखमण (31) तप साधिका बहन श्रीमती सरोज जी बोथरा व बहन भाई का जोड़ा सोनिका (13) एवं दीपक (9) की तपस्या का तपोभिनंदन समारोह ओसवाल भवन के प्रांगण मे आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्वी दिल्ली महिला मंडल के सुमधुर गीत गायन के साथ हुआ। साध्वीश्री संगीतश्री जी ने कहा कि तपस्या कर्म निर्जरा का महान साधन है। तपस्या वह संजीवनी बुटी है जिससे व्यक्ति अपनी आधि, व्याधि व उपाधि से ऊपर उठकर समाधिस्थ बन जाता है। ‘तवसा युणई पुराण पावर्ग’ तपस्या के द्वारा पुराने पाप कर्मों का क्षय होता है।
शाहदरा ओसवाल भवन में तपस्या की झड़ी लगी हुई है। तपस्या वह मशाल है जो आत्म ज्योति को प्रज्जवलित कर ब्रह्म ज्योति से साक्षात् करवा सकती है। तपस्या वह महापुष्प है जो पूरे वातावरण को सुवासित कर देता है। अनुमोदना के क्रम में साध्वी शांतिप्रभाजी, साध्वी कमलविभा जी, साध्वी मुदिताश्री जी ने तपस्वी बहिन भाईयों के तप की अनुमोदना की।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी के संदेश का वाचन सभा उपाध्यक्ष श्री महावीर दुगड़ ने किया ।
दिल्ली सभा के अध्यक्ष श्री सुखराज जी सेठिया, अणुव्रत महासमिति के पूर्व अध्यक्ष श्री अशोक जी संचेती, शाहदरा सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र जी सिंधी, निवर्तमान अध्यक्ष श्री पन्नालाल जी बैद, ओसवाल समाज के अध्यक्ष आनंद जी बुच्चा, गाजियाबाद सभा मंत्री रमेश जी बैंगाणी, पूर्वी दिल्ली महिला मंडल संयोजिका श्रीमती शिल्पा बाफना ने अपने विचार व्यक्त किए। श्रीमती रतनी देवी दुधोड़िया, श्री संतोष सेठिया, श्री अशोक बैद, बोथरा परिवार की बहिनें, बैद परिवार की बहिनें आदि ने गीत, वक्तव्य से अनुमोदना की। शाहदरा सभा, पूर्वी दिल्ली महिला मंडल ने साहित्य व मोमेंटो से तपस्वियों का सम्मान किया। मासखमण तपस्विनी बहिन सरोज बोथरा का भव्य व गरिमामय जुलूस से संघीय गीत व नारों के साथ ओसवाल भवन में प्रवेश हुआ।
कार्यक्रम का संचालन मंत्री सुरेश भंसाली ने किया।
