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विकास महोत्सव का आयोजन

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12 सितंबर 2024, गुरुवार को श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी श्रेष्ठ उपसभा, भीलोड़ा द्वारा महावीर भवन में विकास महोत्सव का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। पधारे हुए सभी श्रावकों का स्वागत अभिनंदन उपसभा अध्यक्ष महावीरजी चावत ने किया तथा उन्होंने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती रेखाजी भटेवरा ने एक मुक्तक के माध्यम से अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।
दिये कई आयाम संघ को, संघ की नई पहचान बनाई।
मानव को मानवता की पहचान दी, अणुव्रत का श्रुतपान कराया।
पारमार्थिक शिक्षण संस्था, ज्ञानशाला विकास भरी।
विकास के नये क्षितिज को कर प्रदान। नया मोड़ जीवन विज्ञान, प्रेक्षाध्यान जैसे अवदान।
समस्त नारी शक्ति को किया सशक्त मंच प्रदान।
प्रगति के शिखर पर आज, तेरापंथ धर्म संघ महान।।
अभातेयुप साथी विकेशजी दक ने विकास महोत्सव के बारे में बताया कि तेरापंथ धर्मसंघ में विकास का मौलिक आधार है अनुशासन एवं एक आचार्य का नेतृत्व आध्यात्मक, अप्रमाद, अनुशासन के बिना विकास की प्रक्रिया सुनियोजित ढंग से आगे नहीं बढ़ सकती। इसी दिन अचार्यश्री तुलसी आचार्य पद पर अभिसिक्त हुए। प्रति वर्ष यह दिन पट्टोत्सव के रूप में मनाया जाता है। संवत् 2050 माघ शुक्ला सप्तमी मर्यादा महोत्सव के दिन सुजानगढ़ में गुरुदेव आचार्य श्री तुलसी ने अपने आचार्य पद का विसर्जन कर सारा दायित्व आचार्य श्री महाप्रज्ञजी को सौंपा और फरमाया की मेरा पट्टोत्सव अब नहीं मनाया जाएगा । यह बात आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के गले नहीं उतरी। उन्होंने चिन्तन कर एक विकल्प प्रस्तुत किया और कहा की आज के दिन को हम विकास महोत्सव के रूप में मनाएँगे तभी से विकास महोत्सव की शुरूआत हुई। युगपुरुष, विकास के पर्याय आचार्य श्री तुलसी की क्रांतिकारी बहुआयामी विकास यात्रा की स्मृति में मनाये जाने वाले विकास महोत्सव का पावन दिन हमें जीवन में सतत उत्साह के साथ में निरन्तर विकास करने की प्रेरणा देता है । तुलसी, महाप्रज्ञ के स्वप्न विकास महोत्सव में साकार हो रहे हैं। महातपस्वी शान्तिदूत युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी जैसा गण माली पा जन जन मन से विकास महोत्सव में हर्षित है। सतत नए – नए कीर्तिमान विकास के ज्योतिचरण विकास महोत्सव में स्थापित कर रहे हैं। महाश्रमणी साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा जी आदि सभी विकास महोत्सव में विकास के साझेदार हैं। सूरत संयम विहार विकास महोत्सव में गण गुलजार है। चहुँदिशा जय जय कार है, हो रहा विकास महोत्सव में महा उपकार है। जय हो जय हो सदा विजय हो, विकास ही विकास आगे, विकास महोत्सव में। इन्ही मंगल भावों के साथ विकास पुरुष गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी को कोटिशः नमन और विकास महोत्सव के कल्पनाकार आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी को शत शत वंदन। महिला मंडल सदस्या श्रद्धा दुगड़, रीना दक, चेतना पोखरणा, उपसभा सदस्य भावेश जी पोखरणा, शांतिलाल जी भटेवरा ने गीतिका प्रस्तुत की एवं ज्ञानशाला के बच्चों ने आचार्य श्री तुलसी द्वारा रचित दोहे का उच्चारण किया। श्रावक समाज ने इसकी भूरी भूरी प्रशंसा की।

 

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