समणी निर्देशिका डॉ. निर्वाणप्रज्ञा जी एवं समणी मध्यस्थप्रज्ञा जी के सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन स्थानीय तेरापंथ भवन, राउरकेला में किया गया। प्रेक्षाध्यान की उपयोगिता बताते हुए समणीवृंद ने कई प्रकार के प्रयोग करवाए। श्वास प्रेक्षा, रंगों का ध्यान, मंत्रों का ध्यान आदि अनेक प्रयोग ने सभी को शांत, शिथिल बनने की प्रेरणा दी।
समणी मध्यस्थ प्रज्ञा जी ने कहा कि Meditation is a journey from Body to Soul. समणी निर्देशिका डॉ. निर्वाणप्रज्ञा जी ने चैतन्य केंद्रों के बारे में बताया और उन स्थानों पर रंगों से होने वाले लाभ भी बताए। महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती तरुलता जैन ने समणी जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
