तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण जी का पदाभिषेक समारोह पूरे श्रावक समाज ने उल्लासमय वातावरण में श्रद्धा संपूरित एवं प्रस्फुटित कर रहा था। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती कांताजी चंडालिया के द्वारा मंगलाचरण के पश्चात शासनश्री साध्वीश्री कंचनप्रभा जी ने कहा कि भारत की पावन धरा का गौरव है अध्यात्म। यहां सभी धर्माचार्यों ने जन-जीवन का मार्गदर्शन किया है। उनमें एक प्राणवान महा विभूति है आचार्यश्री महाश्रमण जी। जिन्होंने जन-जन में नैतिक मूल्यों की प्रतिष्ठा हेतु पूरे भारत की लंबी पद यात्राएं की हैं तथा अभी भी कर रहे हैं। उनकी प्रेरणा से लाखों व्यक्ति नशा मुक्त बने हैं।
शासनश्री साध्वीश्री मंजू रेखा जी ने कहा कि परम पावन आचार्यश्री महाश्रमण जी का जीवन उनकी महनीयता, दिव्यता अनिर्वचनीय है। आपकी अंतःकरण मधुर मुस्कान हर आगंतुक को हर्ष-विभोर कर देती है। आपके पास श्रद्धा, सत्य व तप बल है। यह तेरापंथ धर्मसंघ का गौरव है। साध्वीश्री उदितप्रभा जी, साध्वीश्री निर्भयप्रभा जी व साध्वीश्री चेतनाश्री जी ने गुरु चरणों की अभ्यर्थना में विचार रखे एवं सामूहिक गीत का संगान भी किया। कार्यक्रम में श्रावक समाज की अच्छी उपस्तिथि रही।
