मुंबई स्तरीय अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, मुंबई के तत्वावधान में तेरापंथ भवन, कांदिवली में मुनिश्री कुलदीप कुमार जी स्वामी के सान्निध्य में एवं मुनिश्री मुकुल कुमार जी के निर्देशन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण के साथ हुआ।
मुनिश्री कुलदीप कुमार जी ने कहा कि सभ्यता और संस्कृति के पुरोधा पुरुष थे भगवान ऋषभदेव। वे धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक उन्नयन के पुरस्कर्ता थे। उन्होंने संसार एवं संन्यास दोनों जीवन जिए। एक और जहां उन्होंने असि, मसि, कृषि का विज्ञान दिया वहीं दूसरी और कहा मनुष्य यदि अपनी शक्तियों का समुचित उपयोग करें तो वह बिंदु से सिंधु, भक्त से भगवान एवं आत्मा से परमात्मा बन सकता है।
मुनिश्री मुकुल कुमार जी ने कहा कि भगवान ऋषभ जैन एवं जैनेतर साहित्यों में भी सर्वाधिक लोकप्रिय व्यक्तित्व रहे हैं। उनकी ऐतिहासिकता अनुपम है। चाहे जैन आगम जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति हो ब्रह्मांड पुराण, अग्नि पुराण हो, श्रीमद्भागवत हो, ऋषभदेव की रचनाएं हो भगवान ऋषभदेव की प्रभावकता विलक्षणता सर्वविख्यात रही है।
तपस्वी भाई बहनों का स्वागत अभिनंदन तेरापंथी सभा, मुंबई के अध्यक्ष माणक धींग ने एवं फाउंडेशन परिवार की ओर से अध्यक्ष मेघराज धाकड़ ने किया। तपस्वी परिवार की ओर से भंवरलाल कर्णावट एवं शांता पुगलिया ने अपने विचार रखे। सभी 29 वर्षीतप करने वाले तपस्वियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। व्यवस्थाओं में फाउंडेशन, कांदिवली मलाड की सभा, परिषद, महिला मंडल का पूरा-पूरा सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा, मुंबई के मंत्री दिनेश सुतरिया ने किया। कांदिवली तेयुप अध्यक्ष राकेश सिंघवी ने सभी का आभार ज्ञापन किया। मुनिश्री के मंगलपाठ एवं संघगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
