अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार कोयंबटूर तेरापंथ महिला मंडल ने कार्यशाला का आयोजन किया। जिसका विषय था (एक बूंद: एक सागर-जल संरक्षण) कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के द्वारा की गई। तत्पश्चात मंडल की बहनों के द्वारा प्ररेणा गीत का संगान किया। मंडल अध्यक्ष मंजू सेठिया ने सभी का स्वागत व अभिनंदन किया। मंडल की बुद्धिजीवी व तत्वज्ञ रुपकला भंडारी, गुण बोहरा, निर्मला कांकरिया, सुरेखा सेमलानी व कुसुम बुच्चा इन पांच बहनों ने बहुत सुंदर व सरल तरीके से समझाया कि शरीर अन्न के बिना तो कुछ दिन रह सकता है। पानी के बिना जीना असंभव है। जल संरक्षण में महिलाओं की ज्यादा भूमिका रहती है। बताया गया कि कैसे रसोई में यूज किए हुए पानी को भी रियूज कर सकते हैं। समझाया कि जैन धर्म के अनुसार पानी का संयम के साथ काम में लेंगे तो अप॒॒काय के असंख्य जीवों की हिंसा से भी बच सकते हैं और साथ में जल संरक्षण में योगदान। जब तक धरती पर जल है तब तक सुरक्षित है सबका कल। सभी बहनों ने अपने लिए पानी का संयम करने का संकल्प भी लिया। धन्यवाद ज्ञापन मंजू सेठिया ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अपराजिता नाहटा ने किया।
