स्थानीय तेरापंथ भवन में विराजित शासनश्री साध्वीश्री मानकुमारी ठाणा-7 के पावन सान्निध्य में 2624वां भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीवृंद द्वारा ‘महावीर अष्टम’ से हुआ। तत्पश्चात शासनश्री साध्वीश्री मानकुमारी जी ने श्रावक समाज को संबोधित करते हुए भगवान महावीर के जीवन की सारगर्भित प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा महावीर ने अहिंसा, अपरिग्रह व अनेकांत के सिद्धांत दिए। अहिंसा प्राणी मात्र को अपने समान समझने की प्रेरणा देता है तो अपरिग्रह उपभोक्तावादी संस्कृति में संग्रह न करने की बात करता है तो अनेकांत, सह-अस्तित्व बताते हुए समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है। महावीर की वाणी को जीवन में अपनाकर व्यक्ति अपना आत्म कल्याण कर सकता है। इस अवसर पर ज्ञानशाला के बच्चों ने ‘हमारा भी अस्तित्व है’ की सुंदर प्रस्तुति दी। किशोर मंडल व कन्या मंडल ने ‘कैसे सम्यक्तव का दीप जले’ नयसार की सरस प्रस्तुति पेश की। साध्वीश्री कीर्तिरेखा जी, साध्वीश्री कमलयशा जी, साध्वीश्री चौत्यप्रभा जी ने गीत व वक्तव्य के द्वारा भगवान महावीर के जीवन पर प्रकाश डाला। तेरापंथ महिला मंडल, तेयुप अध्यक्ष मुकेश श्रीमाल, प्रेमरत्न पांडे ने भी गीत व विचार रखें। श्रीमती भानुप्रिया दुगड़ ने उपस्थित परिषद में प्रश्न पूछकर के कार्यक्रम को रोचक बना दिया। आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा के मंत्री कमल दुगड़ ने किया। सभी बच्चों को उत्साहवर्धन करने हेतु सभा अध्यक्ष राजकुमार विनायक, देवकीनन्दन तोदी द्वारा सभी प्रतियोगी बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती मंजूला सराफ आदर्श विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य कृष्णकांत, संवाददाता शिव भगवान सोनी, रामावतार पांडे को जैन प्रतीक चिह्न, दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संयोजन साध्वीश्री इन्दुयशा जी ने किया। प्रातः काल अहिंसा रैली तेरापंथ भवन से शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए तेरापंथ भवन पहुंची। रैली का मुख्य आकर्षण भगवान महावीर की जीवन झांकी था। रैली में तेरापंथ सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, कन्या मंडल, किशोर मंडल, ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी व श्रीमती मंजूला सराफ आदर्श विद्या मंदिर के अध्यापक गण व विधार्थी उत्साह के साथ संभागी बने। कार्यक्रम में श्रीमती गुलाबदेवी बच्छावत व झाबरमल, विक्रम, धीरज दुगड़ का विशेष सहयोग रहा।
