अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल व प्रेक्षा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पालघर तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित प्रेक्षा प्रवाह-योग और ध्यान के सहयोग से बढ़ाए रोग प्रतिरोधक क्षमता कार्यशाला का आयोजन साध्वीश्री प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी आदि ठाणा-6 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, पालघर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री प्रोफेसर डॉक्टर मंगलप्रज्ञा जी द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार के साथ, स्थानीय महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रेक्षा गीत का संगान किया गया एवं अध्यक्षा संगीता जी चपलोत ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया।
साध्वीश्री डॉक्टर राजूल प्रज्ञा जी ने महाप्राण ध्वनि और ध्यान के विविध प्रयोग करवाए। साध्वीश्री प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करवाते हुए कहा कि वर्तमान युग की प्रमुख समस्याओं में एक मुख्य समस्या है भावनात्मक अनियंत्रण। परिस्थिति सामने आते ही व्यक्ति हिंसा, भय, अवसाद, क्रोध आदि पर उत्तर आता है। आवश्यक है इनको उभरने से रोकने हेतु प्रतिरोधक क्षमता। प्रेक्षाध्यान शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता का विकास तो करवाती है, लेकिन विशेष रूप से भावनात्मक सुरक्षा तंत्र का विकास कर स्वस्थ भावना तंत्र का निर्माण करता है। परमपूज्य आचार्य महाप्रज्ञा जी द्वारा आयोजित सैकड़ों शिविरों में हजारों लोगों ने भावनात्मक स्वास्थ्य अर्जित कर पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में बदलाव पाया है और आज भी प्रेक्षाध्यान का योगदान वर्तमानिक युवा पीढ़ी के अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। कार्यक्रम के अंत में महिला मंडल मंत्री रंजना तलेसरा ने आभार ज्ञापन किया।
