अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल, गांधीनगर-बेंगलुरु द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उपलक्ष्य में ‘नारीत्व का उत्सव-स्वरधारा’ कवि सम्मेलन का आयोजन तेलुगू विज्ञान समिति ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र का शुभारंभ मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत के संगान से हुआ। अध्यक्ष रिजु डूंगर वालों ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह मंच केवल कविता और साहित्य का संगम नहीं बल्कि संवेदनाओं, विचारों और अभिव्यक्ति की एक सुंदर प्रस्तुति है, जिसे हम सभी मिलकर अनुभव करने वाले हैं और सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं संप्रेषित की। मंत्री ज्योति संचेती ने मंडल की गतिविधियों की जानकारी देते हुए गुरुदेव के इंगित अनुसार 25 बोल को कण्ठस्थ करने पर जोर दिया और अधिक से अधिक बहनों को मंडल से जुड़ने एवं सदस्य बनने का निवेदन किया।
कवयित्री आलोचक अनुवादक समीक्षक डॉक्टर प्रोफेसर उषा रानी राव का मंडल ने प्रेरणा पत्र से सम्मान किया। सह-संयोजिका मीना जी आच्छा ने डॉक्टर प्रोफेसर उषा रानी राव का परिचय दिया। जिनका जीवन अनेक उपलब्धियों से संपन्न है। उपाध्यक्ष लक्ष्मी बोहरा ने प्रेरणा पत्र का वाचन किया। मंडल ने कवियत्री श्रीमती पद्मिनी शर्मा दिल्ली से, कवित्री श्रीमती आयुषी राखेचा जोधपुर और बेंगलुरु के कवि गण श्री राजेंद्र जी गुलेछा ‘राज’ श्री भूपेंद्र जी भानावत एवं श्रीमती बिंदु राय सोनी का सम्मान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व महामंत्री वीना जी बैद ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक शीतल मार्बल सेंटर सह प्रायोजक अभय राज जी हेमंत कुमार जी ऋषि कुमार जी कोठारी ईदवा एवं मॉडर्न ज्वैलर्स का सम्मान मंडल द्वारा किया गया। प्रथम सत्र का संचालन संयोजिका श्रीमती कांता जी लोढ़ा ने किया।
दूसरे सत्र का कवि सम्मेलन ‘स्वरधारा’ का शुभारंभ जोधपुर से पधारी कवित्री आयुषी राखेचा ने सरस्वती वंदना से किया। कवी भूपेंद्र जी भानावत ने चार पंक्तियों द्वारा उपस्थित सभी कवियों का स्वागत एवं परिचय दिया। ‘वह क्या बात’ की प्रसिद्ध कवियत्री पद्मिनी शर्मा ने हास्य रस, प्रेम रस, शंृगार रस आदि पर गीत, छंद एवं पद्य द्वारा नारी के अनेक रूपों को छूते हुए सभी श्रोताओं का मन मोह लिया। आयुषी राखेचा के ‘बलम मारो जीवन रो शौकीन’ लोकगीत सभी ने बहुत पसंद किया। राजेंद्र जी गुलेछा ने नारी के आध्यात्मिक पहलू पर आधारित अपनी प्रस्तुति दी। भूपेंद्र जी भावनावत ने पन्नाधाय के जीवन चित्रण के द्वारा मेवाड़ के इतिहास को दर्शाया। बिंदु राय सोनी ने कवि सम्मेलन का संचालन किया। कार्यक्रम में लकी ड्रा के माध्यम से 8 विजेताओं को सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की परामर्शिका लता जी जैन, सहमंत्री वीणा पोरवाल, प्रमिला धोका, प्रचार-प्रसार मंत्री संगीता आंचलिया, संगठन मंत्री पवन संचेती, पूर्व अध्यक्ष निर्मला जी सोलंकी पुष्पाजी गन्ना, सभा के अध्यक्ष पारसमल जी भंसाली, मंत्री विनोद जी छाजेड़ तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष विमल धारीवाल, अणुव्रत समिति अध्यक्ष देवराज जी राय सोनी, महासभा के कर्नाटक आंचलिक प्रभारी प्रकाश जी लोढ़ा, मानक जी संचेती शांतिलाल जी पोरवाल, प्रकाश जी कटारिया, निर्मल जी पोकरणा, परमार्थिक शिक्षण संस्था के अध्यक्ष बजरंग जी जैन, जीतो नॉर्थ चेयरपर्सन लक्ष्मी बाफना कवि मिट्ठू मिठास, विजयनगर महिला मंडल अध्यक्ष मंजू गादिया, राजाजीनगर अध्यक्ष उषा जी चौधरी, हनुमंत नगर उपाध्यक्ष मीनाक्षी जी देरासरिया आदि कार्यकारिणी एवं सदस्य बहनें उपस्थित थी। आभार ज्ञापन सहसंयोजिका विनीता मराठी ने किया। कार्यक्रम में कुल 360 लोगों की उपस्थिति रही।
