आधुनिक जीवन शैली ने जहां मानव को विकास की नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं वहीं वह व्यस्तता और भाग-दौड़ की वजह से पारिवारिक संस्कारों के महत्व और मूल्य कहीं खोता जा रहा है। इसी विषय पर अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल, विजयनगर द्वारा दिनांक 24 फरवरी को ’आधुनिक जीवन शैली और पारिवारिक संस्कार सह-अस्तित्व या संघर्ष’ वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र एवं बहनों द्वारा मंगलाचरण के संगान के साथ हुआ। अध्यक्ष मंजू गादिया ने सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। प्रतियोगिता में बहनों ने विषय के पक्ष एवं विपक्ष में अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। इस प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई बिंदु जी राय सोनी एवं सुनीता जी लाहोटी ने जिनका परिचय टीना मांडोत ने दिया। निर्णायक सुनीता जी ने कहा कि सोच से कितने भी आधुनिक रहे किंतु अपनी संस्कृति और संस्कारों की जड़ों से जुड़े रहकर ही बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाए। बिंदु जी ने समाज के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाले एक से बढ़कर एक विषय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस प्रतियोगिता में 10 बहनों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान प्राप्त किया रेखा जी छाजेड़ ने, द्वितीय स्थान पर रही नीतिका श्री श्रीमाल और तृतीय स्थान प्राप्त किया उषा जी नाहर को। कार्यक्रम का कुशल संचालन उपाध्यक्ष सुमित्रा बरड़िया ने किया तथा आभार ज्ञापन नीता गन्ना ने किया। कार्यक्रम में मंडल के पदाधिकारी एवं बहनों की अच्छी उपस्थिति रही।
