अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मंडल, पुणे द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रेक्षा प्रवाह-शांति और शक्ति की ओर कायोत्सर्ग कार्यशाला का आयोजन शासनश्री साध्वी शिवमाला जी के सान्निध्य में किया गया। सर्वप्रथम शासनश्री साध्वीश्री शिवमाला जी के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र से शुरुआत हुई। तेरापंथ महिला मंडल, पुणे द्वारा मंगलाचरण हुआ। प्रचार मंत्री गरिमा लालनी द्वारा चारों साध्वीश्री व पधारे हुए सभी समाज के गणमान्य जनों का स्वागत किया। साध्वीश्री रत्नाप्रभा जी ने कहा प्रेक्षा यानी स्वयं को देखना, समझना अपने स्वास्थ्य से लेकर सभी समस्याओं का समाधान करना। सोने को तपाए बिना कड़ा नहीं बनता। मिट्टी को भिगोए बिना कोई भी पौधा नहीं बनता। वैसे ही अनुपेक्षा किए बगैर इंसान इंसान नहीं बनता।
साध्वीश्री अर्हमप्रभा जी ने कहा व्यक्ति एकाग्रचित होना चाहते हैं तो अपने आप में परिवर्तन लाना चाहिए जो ध्यान के द्वारा हो सकता है। साध्वीश्री अमित प्रभा जी ने कहा कि मंत्र प्राणायाम योग खाद्य संयम करने से अनेक बीमारियों को खत्म कर सकते हैं। हमारी आंखे हर कलर नहीं देख सकती लेकिन हमारी साइंटिस्ट ने आभामंडल का फोटो लिया। हमारे औरा के कलर को दिखाया यह कलर हमारी भावनाओं को प्रभावित करता है, लेश्या ध्यान रंगों का ध्यान करने से पॉजिटिविटी थॉट आते हैं। शासनश्री साध्वीश्री शिवमालाजी ने कहा कि ध्यान और कायोत्सर्ग करने से हमारे जीवन में बहुत फायदे होते हैं। यह हमारी पुरानी विरासत है। आचार्य महाप्रज्ञ जी ने अथक परिश्रम से विरासत की अनुपम देन मानव समाज को दी है। हमें इसे समझना चाहिए और जीवन शैली का एक भाग बनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ महिला मंडल, पुणे की अध्यक्ष पुष्पा कटारिया ने किया। वोट ऑफ थैंक्स भी दिया। कार्यक्रम में समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए।
