अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल एवं प्रेक्षा फाउंडेशन के निर्देशानुसार प्रेक्षा कल्याण वर्ष के उपलक्ष्य टी-दसरहल्ली तेरापंथ महिला मंडल द्वारा स्वस्थ परिवार स्वस्थ समाज के अंतर्गत प्रेक्षा प्रवाह-शांति एवं शक्ति की ओर का आयोजन स्थानीय तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। जिसके तीसरा चरण का विषय था- मंत्र-प्रेक्षा ध्यान का शक्तिशाली प्रयोग। कार्यशाला का शुभारंभ सामूहिक नमस्कार महामंत्र के साथ हुआ। तत्पश्चात प्रेक्षा गीत का संगान किया गया। अध्यक्ष नेहा जी चावत ने सभी का स्वागत-अभिनंदन किया।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षक ट्रेनर अभिलाषा जी डांगी ने मंत्र-प्रेक्षा के विषय पर बताया कि मनानत त्रायते इति मंत्रः अर्थात् मनन करने पर जो त्राण दे वह मंत्र हैं। सबसे छोटा मंत्र ॐ है पर प्रेक्षाध्यन में बहुत प्रचलित एवं महत्वपूर्ण मंत्र हैं अरहम मंत्र। अरहम शब्द शक्तियों को जगाने वाला मंत्र है। मंत्र का उच्चारण बार-बार करने से वाइब्रेशन होता हैं जिससे शक्ति प्रदान होती है। मंत्रों के बारे में बहुत विस्तार में जानकारी भी प्रदान किया। श्वास प्रेक्षा में पहले महाप्राण ध्वनि करवाया पश्चात मंत्र प्रेक्षा में केंद्र पर रंगों का ध्यान का महत्व बताया एवं नमस्कार महामंत्र के द्वारा इसका प्रयोग भी करवाया। मंत्र शक्ति, विशिष्ट रंग एवं चौतन्य केंद्र ये त्रिवेणी संगम का रूप है। जहाँ चाह है वहाँ राह है कहकर कार्यशाला के प्रयोगों को संपन्न करवाया।
कार्यक्रम का संचालन मंत्री नम्रता जी पितलिया ने किया व आभार ज्ञापन ज्ञानशाला प्रशिक्षका सुनीता जी भटेवर ने किया। इस कार्यशाला में उपाध्यक्ष संगीता जी बोहरा, कोषाध्यक्ष हंसा जी बाबेल, संगठन मंत्री सरोज जी मारू, कन्या मंडल संयोजिका पूर्णिमा जी कठोतिया, कार्यकारिणी इन्द्रा देवी कठोतिया, विमला बाई पितलिया, रेखा जी बोहरा, प्रिया जी पितलिया, सदस्य वंदना जी बाबेल, सपना जी पितलिया, संगीता जी बोथरा, ज्ञानशाला क्षेत्रीय सह-संयोजिका दीपिका जी गांधी, प्रशिक्षिका डिम्पल जी चावत संग ज्ञानशाला के बच्चे भी सहभागिता दर्ज कराई। यह कार्यशाला भाव परिष्कार एवं आत्म साक्षात्कार की दिशा में विशेष सहायक सिद्ध हुई व सकुशल आनंद के साथ संपन्न हुई।
