साध्वीश्री प्रबलयशाजी आदि ठाणा-3 के पावन सान्निध्य में स्थानीय तेरापंथी सभा द्वारा तेरापंथ भवन में बड़े ही उत्साह के साथ 161वां मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री प्रबलयशा जी ने कहा कि जीवन का पड़ाव चाहे संसार हो या संन्यास, सीमा, संयम एवं मर्यादा जरूरी है। मर्यादा जीवन का पर्याय है। मर्यादा साधु-संतों के साथ-साथ श्रावक समाज के लिए भी लाभदायक होती है। आपने आगे कहा कि जो मर्यादा का पालन करता है वही बड़ा होता है। इस अवसर पर साध्वीश्री सौरभप्रभा जी एवं साध्वीश्री सुयशप्रभा जी ने तेरापंथ के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए सामूहिक रूप से गीतिका के माध्यम से अपनी सुंदर प्रस्तुति दी। मर्यादा महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित उक्त कार्यक्रम में स्वागत भाषण तेरापंथ सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष सुनील जी भांगू ने दिया। वही मालवा सभा की ओर से विशेष रूप से कार्यक्रम में उपस्थित सभा के मंत्री अरुण एस.बी. श्रीमाल सहित स्थानीय महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती अनिता भंडारी, तेयुप अध्यक्ष अभिषेक पटवा, अभातेयुप जेटीएन के राज्य प्रभारी पंकज जे.पटवा सहित मुमुक्षु बोधार्थी मीमांशा पटवा (ऐनी) ने भी अपने भावों की सुंदर अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम में महिला मंडल, कन्या मण्डल, युवक परिषद, किशोर मण्डल ने सामूहिक गीतिका के माध्यम से अपनी सुंदर प्रस्तुति दी। जिसे उपस्थित श्रावक समाज ने काफी सराहा।
कार्यक्रम की शुरुआत गीतिका के माध्यम से पंकज मूणत व सचिन मूणत दम्पति ने मंगलाचरण से की।
इस अवसर पर श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन स्थानीय तेरापंथी सभा के पदाधिकारी मनोहरलाल कोटडिया ने किया। साथ ही साध्वीश्री जी के सान्निध्य में उक्त कार्यक्रम में उपस्थित श्रावक समाज ने सामूहिक रूप से जय-जय धर्मसंघ अविचल हो गीत का संघगान किया। कार्यक्रम में साध्वीश्री प्रबलयशाजी ने पेटलावद की मुमुक्षु बोधार्थी बहन प्रेक्षा पटवा व मीमांशा पटवा के प्रति अपनी आध्यात्मिक मंगलकामना प्रेषित करते हुए पेटलावद क्षेत्र के श्रावक समाज की संघ के प्रति श्रद्धाभक्ति व समर्पण, सेवा की सराहना की। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वीश्री सुयशप्रभा जी ने किया। आभार जीवन भंडारी ने माना। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पेटलावद क्षेत्र से श्रावक-श्राविकाएं विशेष रूप से उपस्थित थे।
