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मॉडल स्कूल में मोटिवेशन कार्यक्रम का आयोजन : केलवा

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मोटिवेशनल प्रवचन का आयोजन, स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल, केलवा (राजसमंद) 8 अक्टूबर, 2024 शासनश्री मुनिश्री रविंद्र कुमार जी के सहयोगी संत मुनि श्री अतुल कुमार जी के सान्निध्य में मोटिवेशनल प्रवचन का आयोजन हुआ। मुनि श्री अतुल कुमार जी ने छात्र-छात्राओं को मोटिवेट करते हुए कहा बच्चों, किशोरों और नौजवानों में मोबाइल फोन की लत होना उनके मानसिक रोगी होने का कारण बन सकता है। सुविधा के नाम पर आपको घातक रोगों का शिकार बन रहा है आपका मोबाइल। इससे आपकी नींद खो रही है। लोग भ्रम व भूलने के शिकार हो रहे हैं। मोबाइल फोन बच्चों का बचपन और बड़ों की जवानी छीन रहा है। कुछ बच्चों और जवानों में व्हाट्सएप, फेसबुक की ऐसी लत लगी है कि वह पूरी रात जगे रह जाते हैं। इस लत से छुटकारा पाने के लिए वह मानसिक अस्पताल में काउंसलिंग ले रहे हैं। मोबाइल की लत इस कदर हावी होती जा रही है कि बच्चे आपराधिक भी होते जा रहे हैं और ग़लत क़दम तक उठा रहे हैं। मोबाइल अब केवल बच्चों के लिए ही समस्या नहीं है, बल्कि बड़े भी इसकी चपेट में हैं। अगर मोबाइल के बिना आपको बेचौनी होती है तो समझ जाइए कि आप भी इस एडिक्शन के शिकार होते जा रहे हैं जो आपके लिए चिंता की बात है। मोबाइल की लत बच्चों और बड़ों को मानसिक रोगों के गड्ढे में धकेल रही है।सोशल मीडिया के कुछ फायदे हैं लेकिन इसकी अति नुकसानदायक भी होती है। सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा समय बिताने का नकारात्मक असर बच्चों पर पड़ता है ।सोशल मीडिया की लत के कई लक्षण होते हैं और इसका असर बच्चे की सेहत पर भी पड़ सकता है ।पूरे दिन सोशल मीडिया पर पोस्ट लाइक करने, मैसेज का जवाब देने, दोस्तों से चौट करते रहने का असर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का एक एक्टिव हिस्सा बन गया है। जिसे अब चाहते हुए भी हम इग्नोर नहीं कर सकते। हालांकि पेरेंट्स होने के नाते आपको यह पता होना चाहिए कि बच्चे के विकास पर सोशल मीडिया का क्या असर पड़ता है। बच्चे का मन बहुत नाजुक और चंचल होता है और सोशल मीडिया आसानी से उनकी सोच और व्यवहार को बदल सकता है। छोटी उम्र में बच्चे अच्छे और बुरे में फर्क नहीं कर पाते हैं और पेरेंट्स होने के नाते आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि सोशल मीडिया का बुरा प्रभाव भी होता है। सोशल मीडिया इतना बड़ा है कि बच्चा कहां, कब और कैसे क्या जानकारी ले आप उसे कंट्रोल ही नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थितियां बच्चों को अश्लील हानिकारक यां ग्राफिक वेबसाइटों तक पहुंचा सकती है। जो उनकी सोचने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। आज के इस जमाने में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। मोबाइल फोन से होने वाली हानियां भी बहुत हैं। स्मार्टफोन छोटी उम्र के बच्चों के लिए नुकसानदायक, छीन रहा है उनकी मासूमियत। प्रधानाचार्य मीनाक्षी पानेरी ने स्वागत वक्तव्य दिया। सीनियर अध्यापक विजेश कुमार चारण ने मंच संचालन किया। मंगलाचरण तेरापंथ समाज के सदस्यों ने ‘संयम मय जीवन हो’ गीत से किया। महेंद्र कोठारी अपेक्स ने विचार रखे। समाजसेवी नरेंद्र बोहरा ने छात्र छात्राओं को खाद्य सामग्री वितरित की। इस दौरान कन्हैया लाल पालीवाल, रामस्वरूप मीणा, विद्याधर सालवी, विजेंद्र प्रकाश पुरबिया, दिनेश कुमार श्रीमाली, गिरराज सिंह, कैलाश चंद्र बुनकर, पवन कुमार, सुमन अग्रवाल, विजेश कुमार चारण, विक्रम सिंह सोलंकी, भेरूलाल धोबी, हेमलता राणावत, इंद्रा जैन, ओम प्रकाश सरगरा, संजय कुमार खंडेलवाल, हेमंत जैन, मनोज कुमार आचार्य, एसडीएमसी सदस्य रमेश देवड़ा, कमलेश पालीवाल, हीरालाल पालीवाल, महेंद्र कोठारी अपेक्स, नरेंद्र कोठारी, मुकेश कोठारी, राजेंद्र कोठारी, दीपक कोठारी, ललित मेहता, पूर्ण गांग, सुखलाल सिंघवी, मनीष गांग, विकास बोहरा, नरेश कोठारी, सुनील बोहरा सहित अच्छी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।

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