Jain Terapanth News Official Website

मोक्ष प्राप्ति का सक्षम आधार है-कषायमुक्ति : शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण

Picture of Jain Terapanth News

Jain Terapanth News

23 वर्षों के बाद डीसा की धरा पर तेरापंथाधिशास्ता महाश्रमणजी का महामंगल प्रवेश

– स्वागत जुलूस में उमड़ा डीसा का सकल समाज, जन-जन आह्लादित

– करीब 7 कि.मी. का विहार कर डीसा के श्री महाराणा प्रताप स्कूल में पधारे शांतिदूत

– साध्वीप्रमुखाश्रीजी ने डीसावासियों को किया उद्बोधित

– डीसावासियों ने दी भावनाओं की अभिव्यक्ति, प्राप्त किया मंगल आशीष

29 अप्रैल, 2025, मंगलवार, डीसा, बनासकांठा (गुजरात)।
मंगलवार का दिन गुजरात राज्य के बनासकांठा जिले के डीसा नगर के लिए महामंगल बन गया, जब जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा प्रणेता, मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अपनी धवल सेना के साथ डीसा नगर में महामंगल प्रवेश किया। डीसा नगर में ही आचार्यश्री के मंगल सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के अक्षय तृतीया का आयोजन भी होना निर्धारित है। ऐसे महामंगल आयोजन के साथ मंगलवार को महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी का महामंगल प्रवेश डीसा के जन-जन के मानस को मंगलमय भावों से भरने वाला रहा। उत्साह, उमंग व उल्लास से ओतप्रोत डीसा का जन-जन मानवता के मसीहा के स्वागत में उमड़ आया था।

बनास नदी के तट पर उमड़ा श्रद्धा, उत्साह व उमंग का ज्वार
मंगलवार को प्रातःकाल की मंगल बेला में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता, महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आखोल से विहार किया। डीसा-थराद मार्ग आज मानों महाश्रमणमय बन गया था। आचार्यश्री के कदम जैसे-जैसे डीसा की ओर बढ़ते जा रहे थे, श्रद्धालुओं की उपस्थिति और उनका उत्साह भी वृद्धिंगत होता जा रहा था। बनास नदी पर बने पुल को पावन बनाते हुए आचार्यश्री अपनी धवल सेना के साथ नदी के इस पार डीसा नगर में पधारे तो अपने आराध्य की प्रतीक्षा में पलक पांवड़े बिछाए डीसावासियों ने अपने आराध्य का भावभीना अभिनंदन करते हुए बुलंद जयघोष किया। श्रद्धालुओं के जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा था। हर जन मानवता के मसीहा को लालायित नजर आ रहा था। जैसे ही उसे आचार्यश्री की मंगल झलक प्राप्त हो रही थी और आचार्यश्री के आशीष की मुद्रा में उठे करकमलों को देखता था, आह्लाद और संतोष से श्रद्धालु प्रणत बन रहे थे। भव्य स्वागत जुलूस में जहां तेरापंथ समाज व अन्य समाजों के लोग हाथ में ध्वज व विभिन्न स्लोगन थामे पंक्तिबद्ध रूप में गति कर रहे थे तो वहीं अनेक वाहनों पर तैयार की गई झाँकियां भी अपने आराध्य की अभिवंदना कर रही थी। स्वागत जुलूस के साथ आचार्यश्री डीसा नगर में स्थित श्री महाराणा प्रताप स्कूल में पधारे। आचार्यश्री का अक्षय तृतीया समारोह सहित डीसा का प्रवास भी इसी विद्यालय परिसर में निर्धारित है।

‘अक्षय समवसरण’ से शांतिदूत की अमृतवर्षा
श्री महाराणा प्रताप स्कूल परिसर में बने भव्य ‘अक्षय समवसरण’ से तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने डीसावासियों को प्रथम पावन संबोध प्रदान करते हुए कहा कि एक प्रश्न किया गया कि मोक्ष की प्राप्ति कब होगी? समाधान दिया गया कि मोक्ष प्राप्ति का सक्षम आधार कषायमुक्ति है। क्षीण मोह रूप कषायों से मुक्ति हो जाए, मोक्ष की प्राप्ति संभव हो सकती है। दिगम्बर, श्वेताम्बर बन जाने मात्र से मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। जो कषायों अर्थात क्रोध, मान, माया और लोभ से क्षीण मोह वीतराग के रूप में मुक्त हो जाता है तो फिर उसी जीवन के बाद उसे मोक्ष प्राप्त होना सुनिश्चित हो जाता है।
जीवन में कभी गुस्सा भी आ जाता है। गुस्सा तो मनुष्यों का शत्रु होता है। गुस्सा कहीं काम का नहीं होता। परिवार में, समाज में, व्यापार में, व्यवहार में कहीं भी गुस्सा नुक्सानदेह होता है। इसलिए उसका सदैव त्याग करना चाहिए।
आज हमारा अक्षय तृतीया समारोह के संदर्भ में डीसा में आना हुआ है। यह समारोह भगवान ऋषभ से जुड़ा हुआ है। आज अक्षय तृतीया का पूर्व का दिन है। वे क्षीण मोह बन गए और उस जीवन के बाद मोक्ष को भी प्राप्त हो गए। कितने-कितने गृहस्थ वर्षीतप करने वाले होते हैं। यह वर्षीतप एकदम अखण्ड हो जाए तो बहुत अच्छी तपस्या हो सकती है। वर्षीतप के साथ धर्म, ध्यान, साधना, जप आदि का क्रम चलता है तो यह वर्ष कितना विभूषित हो सकता है। इस बार का यह उपक्रम डीसा के लिए निर्धारित किया गया है। अक्षय तृतीया के संदर्भ में आज हमने डीसा में प्रवेश किया है। परम पूज्य आचार्यश्री महाप्रज्ञजी डीसा में पधारे थे। लगभग 23 वर्षों के बाद इस बार हमारा आना हुआ है। यहां के सभी लोगों में धार्मिक भावना पुष्ट होती रहे।
आचार्यश्री के मंगल संबोध के उपरांत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी ने समुपस्थित जनता को उद्बोधित किया। अक्षय तृतीया प्रवास व्यवस्था समिति के स्वागताध्यक्ष श्री फूलचंद छाजेड़, डीसा सभा के अध्यक्ष श्री प्रकाशचंद बाफना, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री नवीन श्रीश्रीमाल, तेरापंथ महिला मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती प्रेमदेवी बोरदिया ने आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ समाज-डीसा ने स्वागत गीत का संगान किया। तेरापंथ युवक परिषद, डीसा ने भी गीत का संगान किया।
डीसा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष श्री राजूभाई ठक्कर, दरबार समाज के अध्यक्ष श्री बहादुरसिंह बाघेला, बीके न्यूज चैनल के ऑनर श्री मंगनलाल माली, जैन जागृति सेंटर के अध्यक्ष श्री मीठालाल जीरावला ने आचार्यश्री के स्वागत में अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स