– गांधीधाम में आखिरी प्रवास हेतु शांतिदूत पहुंचे रिवेरा एलिगेंज
– आचार्यश्री ने श्रद्धालुओं को सम्यक् ज्ञान, दर्शन, चारित्र की दी मंगल प्रेरणा
– साध्वीप्रमुखाश्रीजी ने जनता को किया उद्बोधित
19 मार्च, 2025, बुधवार, गांधीधाम, कच्छ (गुजरात)।
भारत के आर्थिक रूप से समृद्ध गुजरात प्रदेश के सबसे बड़े जिले के गांधीधाम नगर में विराजमान जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी लगभग तेरह दिन तक अमर पंचवटी में पावन प्रवास करने के उपरांत मंगलवार को अष्टमंगल कॉलोनी में पधारे और बुधवार को प्रातः आचार्यश्री ने पुनः अपनी धवल सेना संग गांधीधाम में ही स्थित रिवेरा एलिगेंज के लिए प्रस्थान किया। गांधीधामवासियों को मंगल आशीष प्रदान करते हुए आचार्यश्री लगभग चार किलोमीटर का विहार कर गांधीधाम में ही स्थित रिवेरा एलिगेंज में पधारे। आचार्यश्री का एक दिवसीय और अंतिम प्रवास यहीं हुआ।
रिवेरा एलिगेंज में बने ‘महावीर आध्यात्मिक समवसरण’ में आयोजित मंगल प्रवचन कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि सम्यक्त्व शब्द जैनिज्म में चलता है। आदमी का ज्ञान सम्यक् हो, दर्शन सम्यक् हो और चारित्र भी सम्यक् हो तो धार्मिक जगत में इसे मोक्ष का मार्ग कहा गया है। धार्मिक जगत में मोक्ष अत्यंत महत्त्वपूर्ण तत्त्व होता है। अध्यात्म की साधना का परम लक्ष्य मोक्ष होता है। मोक्ष पा लिया तो उसे और कुछ पाना शेष नहीं रह जाता। अपने जीवन जीने का उद्देश्य क्या है, आदमी इस पर विचार करे। खाना-पीना, सोना-जागना, कमाना, परिवार आदि तो सामान्य-सी बात है, लेकिन उसने अपने जीवन में अलग क्या किया। आदमी जो शरीर धारण करता है, उसका मुख्य उद्देश्य अपने कर्मों को क्षय कर आत्मा को निर्मल बनाना और मोक्ष की दिशा में गति करने का होना चाहिए। भोजन, कमाई आदि तो जीवन का कोई बड़ा साध्य नहीं है। सम्यक् ज्ञान, दर्शन और चरित्र मोक्ष का मार्ग है, उस ओर आदमी को गति करने का प्रयास करना चाहिए। इसलिए आदमी को अपने दुर्लभ मानव जीवन का सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए।
गांधीधाम के अंतिम दिन प्रवास के संदर्भ में कहा कि गांधीधाम में मुख्य प्रवास कर अभी कुछ भ्रमण-सा हो रहा है। आज रिवेरा में प्रवास हो रहा है। कच्छ-भुज आदि का अच्छा प्रवास हो गया। यहां के सभी लोगों में अच्छे धार्मिक संस्कार बने रहें।
आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरांत साध्वीप्रमुखाश्रीजी ने भी जनता को उद्बोधित किया। श्री महावीर सालेचा, श्रीमती रेखा चौपड़ा ने अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति दी। राजवी ग्रुप की श्रीमती कंचन सालेचा ने गीत का संगान किया। निशी, तेजस्वी संकलेचा ने अपनी प्रस्तुति दी। रिवेरा ग्रुप की महिलाओं ने स्वागत गीत का संगान किया। रिवेरा सोसायटी परिवार की ओर श्री मुकेश आचार्य, गुजरात की पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती निमाबेन आचार्य ने श्रद्धाभिव्यक्ति दी।
