शासनश्री साध्वीश्री मानकुमारी जी एवं डॉ. साध्वीश्री परमप्रभा जी का राजाणा नगरी में मधुर मिलन हुआ। साध्वीश्री परमप्रभा जी कांकरोली चातुर्मास संपन्न कर विहार करते हुए राजलदेसर पधारी हैं। तेरापंथ धर्म संघ एक विलक्षण धर्मसंघ है। एक गुरु की अनुशासन में संपूर्ण संघ आबद्ध है। संघ का हर सदस्य आपसी आत्मीय भाव से ओतप्रोत है। साध्वीश्री परमप्रभा जी यहां पधारी हैं, जो साध्वीश्री कुशलप्रज्ञा जी की संसारपक्षीय भांजी भी हैं। इनसे मिलकर हमें सात्विक प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। साध्वीश्री परमप्रभा जी सहज-सरल एवं साधनाशील साध्वी हैं। दुबली-पतली हैं पर कर्मठ साध्वी हैं। सहवर्ती साध्वियां भी सेवाभावी हैं। उक्त विचार शासनश्री साध्वीश्री मानकुमारी जी ने व्यक्त किए।
साध्वीश्री परमप्रभा जी ने आह्लाद की अनुभूति करते हुए कहा कि साध्वीश्री जी के दर्शन पाकर मैं निश्चिंत हो गई हूँ। वात्सल्य पाकर यात्रा की सारी थकान मिट गई। यहां रहकर मुझे साध्वीश्री जी के अनुभव से लाभान्वित होने का सुअवसर प्राप्त होगा।
इस अवसर पर साध्वीवृंद ने साध्वीश्री जी के अभिनंदन में सुंदर कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। साध्वीश्री कुशलप्रज्ञा जी ने अपनी संसारपक्षीय भांजी का अभिनंदन करते हुए कहा कि आज मुझे प्रसन्नता हो रही है। यह दीक्षित होने के बाद प्रथम अवसर है। साध्वीवृंद ने आंगतुक साध्वीवृंद के प्रति सरस गीत की प्रस्तुति दी। आगंतुक साध्वीवृंद ने भी गीत का संगान किया। महिला मंडल ने स्वागत गीत का सामूहिक संगान किया। ज्ञानशाला के बच्चों ने भी उमंग एवं उत्साह के साथ गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती मंजू देवी व श्रीमती प्रेम देवी ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती मोनिका बैद ने किया। कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति सराहनीय रही।
