प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के उपलक्ष में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल एवं प्रेक्षा फाउंडेशन के निर्देशन में प्रेक्षा प्रवाह-शांति और शक्ति की ओर के अंतर्गत तेरापंथ महिला मंडल, विजयनगर अतंर्गत कायोत्सर्ग विषय पर कार्यशाला का आयोजन दिनांक 26 जनवरी को तेरापंथ भवन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ त्रिपदी वंदना के द्वारा महिमा पटावरी एवं शिल्पा दक ने किया। तत्पश्चात महिला मंडल एवं प्रेक्षाध्यान साधकों द्वारा प्रेक्षाध्यान गीत का संगान किया गया। अध्यक्ष मंजू गादियां सभी का स्वागत करते हुए कार्यशाला के रूपरेखा की जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षिका एवं प्रेक्षा फाउंडेशन की साउथ जोन कोऑर्डिनेटर वीणा जी बैद ने विषय पर अपने विचारों की अभिव्यक्ति देते हुए कहा कि ज्ञान का प्रथम एवं अंतिम चरण है कायोत्सर्ग। साधना से सादगी आती है और ध्यान के प्रयोग से जब प्राण धारा बहती है तो चेतना का जागरण होता है संकल्प शक्ति, मजबूत होती है। कहा जाता है यदि 2 मिनट पूरी जागरूकता के साथ ध्यान में लगाया जाए तो बेले के बराबर लाभ मिलता है। कायोत्सर्ग हमारी नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है, नींद और थकान की कमी को पूरा करता है, पेरासिंथेटिक नाडियों को एक्टिव करता है। इसके साथ कायोत्सर्ग के प्रयोग भी करवाए गए। तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष एवं प्रेक्षाध्यान साधक भंवर लाल जी मांडोत ने प्रेक्षाध्यान कैसे करें इस बारे में बताया। कार्यशाला सफल रही। कार्यशाला का कुशल संचालन संयोजिका सरिता छाजेड़ ने किया एवं आभार ज्ञापन मंत्री दीपिका गोखरू ने किया। कार्यशाला में मंडल के सभी पदाधिकारी रहे और अच्छी उपस्थिती रही।
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