अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल, बालोतरा द्वारा मुनिश्री यशवंत कुमार जी एवं मुनिश्री मोक्ष कुमार जी के सान्निध्य मे प्रेक्षाध्यान के दूसरे चरण में कायोत्सर्ग कार्यशाला का आयोजन किया गया। महिला मंडल मंत्री रेखा बालड़ ने बताया कि नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। महिला मंडल अध्यक्षा निर्मला जी संकलेचा ने स्वागत वक्तव्य से सभी का स्वागत किया। कार्यशाला का प्रारंभ प्रेक्षाध्यान गीत के संगान से किया गया।
मुनि श्री यशवंत कुमार जी ने कायोत्सर्ग (ध्यान) के बारे में कहा कि कायोत्सर्ग का अर्थ है पूरी जागरूकता के साथ शरीर को शिथिल करना और जैन धर्म में ध्यान का बहुत महत्व है। ध्यान का कार्य है आत्म रूपी सूर्य को उदित करना यानी कि बाहरी दुनिया को छोड़कर भीतर की दुनिया में प्रवेश करना। ध्यान हमारी आत्मा के ऊपर जो आवरण आया हुआ है उस आवरण को हटाने का माध्यम है। उत्कृष्ट ध्यान से हमें एक बेले की तपस्या के जितनी कम निर्जरा हो सकती है। अभातेममं कार्य समिति सदस्य एवं मारवाड़ क्षेत्र प्रभारी मीना जी ओस्तवाल ने कायोत्सर्ग के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक लाभ बताते हुए कहा कि कायोत्सर्ग के द्वारा आत्मा को समझने में मदद मिलती है एवं अचेतन मन तक पहुंचा जा सकता है। अपने संकल्पों को मजबूत किया जा सकता है। ध्यान से शरीर रिलैक्स होता है जिसे शांति का अनुभव होता है। इस कार्यशाला में प्रेक्षावाहिनी की सह-संयोजिका विधि जी भंसाली के द्वारा 30 मिनट तक कायोत्सर्ग का बहुत ही अच्छे ढंग से प्रयोग करवाया गया। कई आसन भी करवाए। कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं आभार ज्ञापन मंत्री रेखा बालड़ ने किया।
इस कार्यक्रम में महिला मंडल संरक्षक देवी बाई छाजेड़, परामर्शक कमला देवी ओस्तवाल, विमला देवी लुंकड, उपाध्यक्ष चंद्रा जी बालड़, चंचल जी भंडारी, सहमंत्री रेखा श्री श्रीमाल, रेखा भंडारी, कोषाध्यक्ष पुष्पा जी सालेचा, प्रचार-प्रसार मंत्री समता जी भंसाली, संगठन मंत्री पिंकी सालेचा, निवर्तमान अध्यक्ष अयोध्या देवी ओस्तवाल, कन्या मंडल प्रभारी जय श्री बरडिया, प्रेक्षावाहिनी ट्रेनर ममता जी गोलेच्छा, पूर्व अध्यक्ष सहित 120 बहिनें इस कार्यक्रम में उपस्थित हुई।
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