अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार आमेट महिला मंडल द्वारा कायोत्सर्ग कार्यशाला रखी गई। कार्यक्रम शुरुआत नमस्कार महामंत्र व महिला मंडल की बहनें-कमला देवी भरसारिया, लीला जी चोरडिया, मंजू जी हिरण, प्रेमलता जी कच्छारा, उमा जी चंडालिया निर्मला जी मेहता द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया। महिला मंडल अध्यक्ष संगीता जी पामेचा ने बहनों का स्वागत किया। तत्पश्चात प्रेक्षावाहिनी संयोजिका श्रीमती रेणु जी छाजेड ने कहा कि ज्ञान के तीन प्रकार हैं। कायिक, मानसिक और वाचिक यह कायिक ध्यान ही कायोत्सर्ग है। शारीरिक और मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए कार्यात्सग का अभ्यास बहुत उपयोगी है। हमेशा कायोत्सर्ग करने से शारीरिक स्तर पर तनाव मुक्ति का अनुभव होने लगता है। शारीरिक कार्य क्षमता बढ़ती है, चित्त की एकाग्रता बढ़ती है तथा इसकी चतुर्थ अवस्था में आत्मा के चौतन्यमय स्वरूप का प्रत्यक्ष अनुभव हो जाता है। श्रीमती रेणु जी छाजेड ने प्रेक्षाध्यान व कार्यात्सग के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी और कायोत्सर्ग के बारे में बहुत अच्छी तरह से समझाया। कायोत्सर्ग व प्रेक्षाध्यान का प्रयोग भी करवाया। आभार व्यक्त मंत्री हेमलता भंडारी ने किया। इस कार्यक्रम में उमा जी हिरण, अनीता जी श्रीश्रीमाल, मयूरी जी पितलिया, अनीता जी छाजेड़ आदि बहनों की उपस्थिति रही।
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