आखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में लिम्बायत महिला मण्डत द्वारा प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन मुनिश्री कोमल कुमार जी आदि ठाणा-2 के सान्निध्य में किया गया। प्रेक्षाध्यान गीत से मुनिश्री ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए नमस्कार महामंत्र का उच्चारण किया। मुनि श्री कोमल कुमार जी ने प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी को याद करते हुए उनके इस उपक्रम को जीवन में उतारने की प्रेरणा देते हुए कहा कि प्रेक्षाध्यान के द्वारा हम किस प्रकार तन-मन से निरोग रह सकते हैं। मुनिश्री ने कहा कि प्रेक्षाध्यान स्वयं को देखने का माध्यम है जिसने स्वयं को देखना सीख लिया उसने आवेश को जीत लिया और जिसने आवेश को जीत लिया उसने अपने कर्माें के बंधन को तोड़ दिया मुनिश्री ने महाप्राण ध्वनी, श्वास प्रेक्षा एवं कायोत्सर्ग के प्रयोग करवाकर उनके फायदे बताए एवं कहा कि इन प्रयोगों को नियमित करने से तनावमुक्त, मधुर आवाज, तेजदिमाग, अस्थमा की बिमारी से मुक्त आनन्दमय एवं शान्ति का अनुभव कर सकते हैं। साथ ही सभी श्रावक समाज को बारह व्रत धारण करने की प्रेरणा प्रदान की। कार्यशाला में सभा मंत्री लक्ष्मी लाल जी गौखरू एवं टीम, परिषद व महिला मंडल की अच्छी उपस्तिथि रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन रीना भलावत, स्वागत रेखा नौलखा एवं आभार ज्ञापन आरती गौरव ने किया। बहनों ने प्रेरणा गीत का सामूहिक संगान किया। मुनिश्री कोमल कुमार जी के सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला बहुत ही सफल एवं उपयोगी सिद्ध हुई।
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