कालबादेवी, तेरापंथ भवन में मुनिश्री डॉ. आलोक कुमार जी और साध्वीश्री प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी का आध्यात्मिक मिलन हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री आलोक कुमार जी ने प्रमोद भाव व्यक्त करते हुए कहा कि आज महामार्ग पर चलने वाले पथिकों का मिलन हुआ है। ज्ञान सम्पन्न और विशिष्ट स्थान प्राप्त साध्वीश्री मंगलप्रज्ञा जी से मिलकर हमें प्रसन्नता है। अपनी स्मृति सांझा करते हुए उन्होंने कहा कि श्रमण श्रेणी के दौरान जब समणी मंगलप्रज्ञा के रूप में जब विदेश यात्रा कर गुरु दर्शन करते तब आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ जी बहुत प्रसन्न होते। इनका वक्तव्य हमेशा ज्ञानवर्धक और वैशिष्ट्यपूर्ण रहा है दक्षिण यात्रा सम्पन्नता पर पिंपड़ी चिंचवड के गुरु दर्शन की चर्चा करते हुए कहा कि उस विशेष वक्तव्य का श्रोता और गुरुकृपा का मैं भी साक्षी बना, मुनिश्री ने कहा कि साध्वी मंगलप्रज्ञा जी की श्रुत सेवा भी विलक्षण है। इसके शोधपरक साहित्य का मैं भी पाठक रहा हूँ। आगम के अंतस्तोष में आपका नामोल्लेख हुआ है, सम्पादन कौशल, लेखन कला अनमोल और बेजोड़ है। सैकड़ों वर्षों तक उपयोगी रहेंगे महावीर को अनेकान्तवाद दर्शनानुसार दीक्षा पर्याय है हम दोनों मुनि ज्येष्ट हैं, पर ज्ञान, अनुभव दृष्टि से आप बड़े हैं। आज आध्यात्मिक भाई-बहन का मिलन हुआ है। हमें गुरु निर्देशानुसार गुजरात की ओर प्रस्थान करना है। जब अवसर आए आपकी ज्ञान रश्मियां, ज्ञान का प्रकाश हमें मिलता रहे। संघ-सेवा और गुरु आज्ञा, निर्देश ही हमारे लिए सर्वाेपरि है।
साध्वीश्री प्रो. मंगलप्रज्ञा जी ने मुनिवंृद का अभिवादन करते हुए कहा कि मुनिश्री आलोक कुमार जी स्वामी एक सेवा भावी धीर, गंभीर व्यक्तित्व के धनी हैं। गुरुदेव श्री तुलसी ने दीक्षित किया, शासन गौरव, मुनिश्री मधुकर जी स्वामी को सौंपा। गुरुकुलवास में वर्षों तक रहे। अब बहिविहार में गहन पुष्पार्थ ज्ञान, चिंतन के द्वारा यात्राएं करवा रहे हैं। गण प्रभावक संत के रूप में प्रख्यात हैं। शासन गौरव मुनिश्री मधुकर जी स्वामी की शारीरिक और मानसिक विशिष्ट सेवा की है वह उल्लेखनीय और अनुकरणीय है। आपके औदार्य, माधुर्य और विचारों और पौरुषमय व्यक्तित्व का मैं सम्मान करती हूँ। साध्वीश्री जी ने कहा कि हम गण गरिमा बढ़ाने हेतु सदैव प्रयत्न करते रहें। मुनिश्री हिमकुमार जी प्रगति-पथ पर निरन्तर बढ़ते रहें। मुनिश्री एवं साध्वीश्री ने कहा कि तेरापंथ का श्रावक समाज भी जागरूक है। इनकी धर्म चेतना सदैव जागृत रहे। संघ और संघपती की सेवा करते रहे। इस अवसर पर साध्वीश्री सुदर्शन प्रभा जी, साध्वीश्री अतुलयशा जी, साध्वीश्री राजुल प्रभा जी, साध्वीश्री चौतन्य प्रभा जी और साध्वीश्री शौर्यप्रभा जी ने मिलनोत्सव पर अपनी भावनाएं सामूहिक संगान से व्यक्त की। तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री सुरेश जी डागलिया, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष गिरीश जी सिसोदिया एवं महिला मंडल अध्यक्षा विनीता धाकड़ ने अपनी भावनाएं व्यक्त की। यह आध्यात्मिक मिलन गण प्रभावक एवं प्रेरक बना। कार्यक्रम में आचार्य महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउंडेशन के अध्यक्ष कुंदनमल धाकड़, श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के उपाध्यक्ष नितेश धाकड़, अशोक धिंग, अशोक बरलोटा, विनोद बरलोटा, तेरापंथ युवक परिषद से सहमंत्री उत्सव धाकड़, तेरापंथ महिला मंडल से उपाध्यक्ष पुष्पा कच्छारा एवं अन्य श्रावक समाज की सराहनीय उपस्थिति रही।
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