अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन शान्ति निकेतन में किया गया। साध्वीश्री चरितार्थप्रभा जी के के सान्निध्य में लगभग 435 भाईयों व बहनों ने सामायिक की आराधना की। सामायिक के दौरान त्रिपदी वंदना, जपयोग, ध्यानयोग एवं स्वाध्याय करवाया गया। स्वाध्याय योग के अन्तर्गत साध्वीश्री चरितार्थप्रभा जी ने कहा कि आत्मा ही सामायिक है। आत्मा में स्थित रहना ही सामायिक है। धार्मिकता की कसौटी है व्यक्ति की समत्व साधना, पापकारी प्रवृत्ति का त्याग सामायिक है।
साधु-संत यावज्जीवन सामायिक करते हैं किन्तु श्रावकों के लिए एक मुहुर्त के लिए एक मुहुर्त यानि अड़तालीस मिनिट के लिए पापकारी प्रवृत्ति त्याग करना होता है। सामायिक का लक्षण है-जागरूकता। जिस घर में प्रतिदिन सामायिक होती है उस घर में अशुभ का वातावरण हट जाता है। भगवान महावीर ने राजा श्रेणिक को नरक से बचाव का एक सुंदर उपाय बताया था-एक सामायिक। काम, क्रोध, ईर्ष्या, वासना से हटकर आत्मा में निवास करना ही सामायिक साधना है।
इस अवसर पर साध्वीश्री ने सामूहिक सामायिक का संकल्प कराया तथा मधुर गीत के साथ प्रेरणा प्रदान की। इस अवसर पर तेरापथ युवक परिषद अध्यक्ष महावीर फलोदिया, मंत्री भरत गोलछा व पूरी टीम व किशोर मंडल की सम्पूर्ण टीम विशेष रूप से उपस्थित थे।
सभा मंत्री जतनलाल संचेती, महिला मंडल मंत्री मिनाक्षी आंचलिया, किशोर मंडल संयोजक हिमांशु सिंघी, सहसंयोजक मयंक सिंघी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में अभातेयुप कार्यकारिणी सदस्य पीयूष जी लूणीया व समिति सदस्य विजेंद्र जी छाजेड, ललित जी राखेचा उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रभारी मांगीलाल जी बोथरा ने आभार व्यक्त किया।
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