नये वर्ष के मंगल प्रभात में जहां सूर्य की किरणें बादलों की ओट में छिप रही थी और कोहरा अपना रंग दिखा रहा था, वहीं प्रथम बार मकराना की धरा पर नववर्ष का वृहद मंगलपाठ जन-जन के आकर्षण का केन्द्र बन रहा था, जो कि बोरावड़ तथा मकराना के सकल जैन श्रावक-श्राविकाओं को तेरापंथ भवन की ओर खींच रहा था। अतः उपस्थिति एवं उत्साह सराहनीय रहा।
साध्वी श्री गुप्तिप्रभाजी के सान्निध्य में नववर्ष का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कैसा हो हमारा जीवन, और किस प्रकार संकल्प संजोये की प्रेरणा भरते हुए साध्वश्री जी ने कहा कि हमारे जीवन में 5 P का होना सबको महत्त्वपूर्ण लगता है। वो है- Pleasure, Post, Prosperity, Property और Popular । परन्तु यदि जीवन में Peace और Purity नहीं है तो Punishment का कारण बन जाता है। अंत में उपशम की साधना पुष्ट हो इसके लिए संपूर्ण जनमेदिनी को ‘उवसमेण हणे कोडहं’ की प्रतिदिन 1 माला फैरने का संकल्प कराया। ‘शिव संकल्प मस्तु मे मनः’ की प्रेरणा भरते हुए साध्वीश्री कुसुमलताजी ने कहा कि यह जीवन एक प्रश्न है कैसे इसे हल करे? इसके लिए संकल्प, अभ्यास और एकाग्रता की आवश्यकता है। नया जोश और नव उमंग भरते हुए साध्वीश्री मौलिकयशाजी एवं साध्वीश्री भावितयशाजी ने ‘नए सूर्य की अगवानी’ में शब्दचित्र तथा ‘जीवन की कहानी सुंदर हो’ सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी।
तेरापंथ महिला मण्डल, बोरावड़ ने कार्यक्रम का मंगलाचरण किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वीश्री भावितयशाजी ने किया। तेरापंथी सभा, मकराना अध्यक्ष सुरेंद्र जी, तेरापंथी सभा, बोरावड़ अध्यक्ष नेमीचंदजी, महिला मंडल अध्यक्ष हर्षाजी, स्थानकवासी सभा अध्यक्ष ज्ञानचंदजी आदि की उपस्थिति सराहनीय रही।
