शासनश्री मुनि श्री रविन्द्र कुमार जी एवं मुनि श्री अतुल कुमार जी के सान्निध्य में नववर्ष के उपलक्ष्य में वृहद मंगल पाठ का भव्य आयोजन हुआ। मुनि श्री अतुल कुमार जी ने मंगल उद्बोधन में कहा कि हर एक व्यक्ति के प्रति दयालु बनें, क्योंकि हर व्यक्ति जिंदगी की कठिन लड़ाई लड़ रहा है। मुझे पता है कि कभी-कभी यह मुश्किल हो सकता है। मुझे पता है कि हर कोई दयालुता का हकदार नहीं है और मुझे पता है कि दुनिया एक जटिल जगह है और हर स्थिति अनोखे रूप से गड़बड़ है। दयालु होना हमेशा आसान नहीं होता और यह हमेशा नहीं होगा। लेकिन सभी के साथ विनम्रता और दयालुता से पेश आएं, इसलिए नहीं की वे अच्छे हैं बल्कि इसलिए की आप अच्छे हैं। हर कोई गलतियां करता है लेकिन हर कोई अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करता और उनसे सीखने की कोशिश नहीं करता। अपनी गलतियों को स्वीकार करें, उनसे सीखें और बेहतर बनने का प्रयास करें। इसके अलावा, दयालु भी बनें। बुरा बनना बहुत आसान है। खासतौर पर तब जब आपको लगे कि किसी ने आपके साथ गलत किया है। लेकिन ये सिर्फ आपकी भावनाएं हैं, जो नियंत्रण में हैं। जब कोई आपके साथ बुरा या बुरा व्यवहार करता है तो दुनिया में सबसे आसान काम है कि आप उसे जवाब दें, ऐसा कोई भी कर सकता है। मुश्किल है अपना संयम बनाए रखना। अपने मानकों पर अड़े रहना और उनकी नकारात्मकता को ख़ुद पर हावी न होने देना। यह मुश्किल है, और हर कोई ऐसा नहीं कर सकता। इसके लिए अभ्यास और धैर्य की आवश्यकता होती है और यह प्रभावशाली है। आपको ऐसा व्यक्ति नहीं बनना है जो हमेशा लड़ने की तलाश में रहता हो। क्रोध में इतना डूब जाना की आप नियंत्रण खो दें, गर्व करने लायक नहीं है। यह एक कमजोरी है। जिसका इस्तेमाल आपके ख़िलाफ़ किया जा सकता है। आपके पास भावनात्मक नियंत्रण का एक ऐसा स्तर है जो आपको शांत और संयमित रहने की अनुमति देता है। खासकर तब जब बाकी सभी अपना दिमाग खो रहे हों। यह सच्ची ताकत का संकेत है। संघर्ष और कठिनाईयां जीवन का एक हिस्सा हैं। खुद पर भरोसा रखें क्योंकि कभी-कभी नतीजे आने में वक्त लगता है। मुनि श्री रविंद्र कुमार जी ने मंगल पाठ सुनाया। मंगलाचरण कन्या मंडल ने ‘भिक्षु जपो-भिक्षु जपो’ गीत से किया। भगवती लाल बंब ने स्वागत वक्तव्य दिया। गोगुंदा एवं रावलिया तेरापंथ महिला मंडल ने मधुर गीत का संगान किया। महेंद्र कोठारी अपेक्स (केलवा), नूतन सिंघवी (नांदेशमा), चुन्नी लाल सिंघवी (नांदेशमा) एवं किशोर मंडल ने विचार रखे। मनोहर लाल बंब ने आभार ज्ञापित किया। संचालन हिम्मत लाल राठौड़ ने किया। कार्यक्रम में केलवा, नाथद्वारा, कांकरोली, भीलवाड़ा (पुर), उदयपुर, सांयो का खेड़ा, गोगुंदा, नांदेश्मा, सेमंड, सायरा, गिलुंड, रिछेड़, पदराडा सहित अच्छी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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