तेरापंथ भवन, कांदिवली में साध्वी श्री राकेश कुमारी जी एवं साध्वी श्री शकुंतला श्रीजी का आध्यात्मिक मिलन हुआ। साध्वी श्री राकेश कुमारी जी ने कहा कि सौभाग्य से हमने तेरापंथ जैसा वट वृक्ष पाया है। पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में धर्म एवं अध्यात्म के नए-नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। साध्वी श्री शकुंतलाश्री जी विलेपार्ले का चातुर्मास संपन्न कर कांदिवली पधारी हैं। साध्वी श्री शकुंतलाश्री जी विवेक चेतना और विनय चेतना जन-जन को प्रभावित करने वाली हैं, साध्वीश्री शकुंतलाश्री जी एवं सभी साध्वीजी के प्रति मंगलकामना व्यक्त करते हुए हम आपका स्वागत करके आनंदित हैं। साध्वी श्री शकुंतलाश्री जी ने कहा कि साध्वी श्री राकेश कुमारी जी माधुर्य गुण संपन्न एवं अनुभवी विशिष्ट साध्वी हैं, इनकी प्रवचन शैली बेजोड़ है, चिंतनशील एवं धर्मसंघ के कार्य योजना को प्रभावित बनाने वाली विशिष्ट साध्वी हैं, साध्वी श्री मलयविभा ने अनुभव साझा किए। दोनों वर्ग की साध्वियों ने गीत की प्रस्तुति दी।
साध्वीश्री मलयविभा जी, साध्वी श्री विपुलयशा जी, साध्वी श्री चेतस्वी प्रभाजी ने मिलन गीत का संगान किया। साध्वी श्री संचितयशा जी, साध्वी श्री जागृतप्रभा जी, साध्वी श्री रक्षितयशा जी ने भी अपने विचारों की अभिव्यक्ति देते हुए गीत की प्रस्तुति दी। मंगलाचरण भारती सेठिया ने किया। श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष मेघराज धाकड़ के अनुसार वात्सल्य भावना से ओत-प्रोत मिलन का नजारा जन-जन को प्रभावित कर रहा था। मंत्री प्यारचंद मेहता ने स्वागत किया। रमेश धोका विभाजी श्रीमाल, ज्ञानमल भंडारी, राकेश सिंघवी, जयंती मदरेचा, महेंद्र वडाला एवं पूरे श्रावक समाज की सराहनीय सहभागिता रही। कार्यक्रम की जानकारी कोषाध्यक्ष भगवतीलाल धाकड़ ने दी।