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ज्ञानशाला द्वारा त्रिदिवसीय बाल संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन : मुम्बई

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मुंबई ज्ञानशाला द्वारा ‘तेजस्वी भव’ बच्चों के लिए त्रिदिवसीय आवासीय शिविर का आयोजन साध्वीश्री डॉ. मंगलप्रज्ञाजी आदि ठाणा-6 की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, मुम्बई के तत्वावधान में मुम्बई ज्ञानशाला की आंचलिक संयोजिका श्रीमती राजश्री कच्छारा, आंचलिक सह-संयोजिका श्रीमती अंजु चौधरी, विभागीय संयोजिका श्रीमती चंचल परमार, विभागीय सह-संयोजिका श्रीमती शीतल सांखला, श्रीमती संगीता बाफना ने बाल संस्कार निर्माण हेतु 9 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए 25, 26, 27 अक्टूबर को त्रिदिवसीय आवासीय शिविर ‘तेजस्वी भव’ का आयोजन कांदिवली भवन में किया। जिसमें लगभग 270 ज्ञानार्थी एवं 150 प्रशिक्षिकाओं ने अपनी सहभागिता दर्ज करवायी।
25 अक्टूबर प्रथम दिवस: शिविर की शुरुआत शाम 4 बजे बच्चों के रजिस्ट्रेशन से हुई। बच्चों को किट दिया गया, जिसमें त्याग कार्ड, ग्रुप आईडी कार्ड आदि आवश्यक वस्तुएं दी गई। तत्पश्चात कामिनी जी बडाला और वनिता जी धाकड़ ने बच्चों के ग्रुप बनाए और हर ग्रुप के लिए leaders और co leaders के लिए टीचर्स को नियुक्त किया। सांयकालीन गुरु वंदना, सामायिक के बाद Talent Hunt Acitivity रखी गई। जिसमें 15 बच्चों ने स्टेज परफॉर्मेंस देकर अपने हुनर का कमाल दिखाया। नरक गति एवं ज्ञानकुंज में भेजी गई आध्यात्मिक कहानियों के प्रेरणास्पद वीडियो स्क्रीन पर दिखाए गए। ज्ञानार्थियों के मनोरंजन के लिए नीलू जी ढीलीवाल ने हाउजी खिलाई और बच्चों से आध्यामिक प्रश्न किए।
26 अक्टूबर द्वितीय दिवस: ज्ञानर्थियो के दूसरे दिन की शुरुआत प्रातःकालीन वंदना से हुई। प्रेक्षा प्रशिक्षक सायरा जी बैद ने प्राणायाम व आसन करवाए। तत्पश्चात ज्ञानर्थियों के ग्रुप परेड करते हुए प्रवचन हॉल में पहुंचे। ज्ञानशाला बटालियन ने साध्वीश्री जी को वंदना की और सभी ने ज्ञानशाला गीत का सामूहिक संगान किया। प्रशिक्षक बहनों ने मंगलाचरण द्वारा मंगल शुरुआत की। थाना ज्ञानशाला के बच्चों ने ज्ञानशाला से बेस्ट कोई नहीं पर अपनी प्रस्तुति दी। मुम्बई की आंचलिक संयोजिका श्रीमती राजश्री जी कच्छारा ने सभी का स्वागत किया और शिविर सम्बंधित आवश्यक जानकारी प्रेषित की। मुम्बई तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्रीमान माणक जी धींग और महामंत्री श्रीमान दिनेश जी सुतरिया ने ऐसा विश्वास दिलाया कि आगे भी ऐसे शिविर का आयोजन किया जाएगा। साध्वीश्री जी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए तेजस्वी भव अर्थात तेज सम्पन्न बनने के 3 सूत्र बताए और बच्चों को सही राह पर चलने की प्रेरणा प्रदान की। साध्वीश्री चौतन्यप्रभा जी ने बच्चो को कहानी के माध्यम से बताया प्रॉब्लम हमारे दोनों हाथों में होती है इसलिए कभी-कभी हाथों को ढीला छोड़ देना चाहिए। साध्वीवृंद ने सुमधुर गीतिका का संगान किया। साध्वी श्री राजुलप्रभा जी ने बच्चों को कायोत्सर्ग करवाया।
मैजिक शो में बच्चों को नए-नए मैजिक दिखाए गए जिसका बच्चों ने भरपूर आनंद लिया। दोपहर में साध्वीश्री चैतन्यप्रभा जी ने 25 बोल पर रोचक क्विज रखी गई, जिसमें अंबर ग्रुप विजयी रहा। सेल्फ डिफेंस के सेशन में अपनी सुरक्षा के बारे में टिप्स बताए गए।
शाम 7 से 8 शनिवार की सामायिक में साध्वीश्री जी के साथ सभी बच्चों और प्रशिक्षिकाओं ने भी तेरापंथ प्रबोध का संगान किया। नयना जी धाकड़ ने बच्चों को ग्रुप एक्टिविटी में बहुत ही अच्छे आध्यात्मिक गेम्स डिफरेंट स्टाइल में खिलाए। हर एक बच्चे को इन गेम्स को खेलने का मौका मिला।
27 अक्टूबर तृतीय दिवस: प्रातःकालीन वंदना के साथ बच्चों ने सामायिक की। निर्मला जी मेहता ने बच्चों के वॉर्म अप एक्सरसाइज और आसन कराए। साध्वी श्री राजुलप्रभा जी ने बच्चों को ध्यान का प्रयोग कराया और समझाया देखोगे कार्टून तो बनोगे कार्टून, देखोगे भगवान तो बनोगे भगवान और खेलोगे वीडियो गेम तो बनोगे शैतान। साध्वी श्री सुदर्शना प्रभा जी ने सुमधुर गीतिका का संगान किया।
साध्वी श्री डॉ मंगल प्रज्ञा जी ने बच्चों को समझाया मोबाइल में हमें मारने वाले गेम नहीं खेलना चाहिए क्योंकि हम हिंसा में धर्म नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि ॐ नमो नाणस्स और ज्योति केंद्र पर सफेद रंग के ध्यान द्वारा क्रोध को शांत किया जा सकता है।
Open discussion में बच्चों ने कई सारी जिज्ञासाएं रखी, जिनके बहुत सरल शब्दों में साध्वीश्री जी ने समाधान किए। साध्वी श्री चैतन्यप्रभा जी ने गुड हैबिट और बेड हैबिट के बारे में बताया। कर्म कैसे बंधते हैं उसकी जानकारी दी। साध्वी श्री राजुल प्रभा जी ने तेरापंथ दर्शन के बारे में बताया और गुरुदेव दर्शन की प्रेरणा दी। स्टोरी टाइम में रिंकू जी परमार ने हंसने की विविध कला बताकर बच्चो को खुश कर दिया। बच्चों ने गीतिकाओं का संगान किया।
समापन सत्र में ग्रुप लीडर्स ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। डोंबिवली के बच्चों ने विवेक खोया मानव रोया पर नाटिका की प्रस्तुति दी। रेखा जी कच्छारा ने सभी ग्रुप के बच्चों को मिलाकर अलग-अलग विज्ञापन कराए। आंचलिक संयोजिका श्रीमती राजश्री कच्छारा ने त्रिदिवसीय शिविर में हुई सारी गतिविधियों की जानकारी प्रेषित की।
तपस्वी बच्चों को सम्मानित किया गया। बच्चों के ग्रुप लीडर्स और 3 दिन सेवा देने वाली सभी प्रशिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। लक्की ड्रॉ निकले गए, सभी बच्चों को रिटर्न गिफ्ट्स भी दिए गए।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष चांदरतनजी दुग्गड़, प्यारचंद जी मेहता, दलपत जी बाबेल, सुनीता जी परमार, महासभा से के.एल. जी परमार, जयंती लाल जी बरलोटा, भगवतीलालजी धाकड़, कांदिवली सभा के अध्यक्ष जान जी भंडारी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन चंचल जी परमार और संगीता जी बाफना ने किया। आभार ज्ञापन अंजु जी चौधरी एवं रेखा जी खाब्या ने किया। इस शिविर को सफल बनाने में मधु मेहता, शांता कोठारी, हेमलता मादरेचा, अनिता सिंयाल, सेजल चोरडिया, चंदा धाकड़, कुसुम हिरण, संगीता हिंगड़, नीतू डांगी, रेखा धाकड़, सीमा सांखला, कल्पना चौरडिया, सुरभि परमार, अल्पा पटवारी, सीमा सिंघवी, नीता कोठारी, भावना घटावत, प्रिया धाकड़, मीना सोनी, मीनाक्षी डूंगरवाल नीलम कोठारी, शर्मिला बापना का विशेष सहयोग रहा। तेजस्वी भव शिविर के अवॉर्ड के विजेताओं को सम्मानित किया गया।

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