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साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस कार्यक्रम का आयोजन : हावड़ा-कोलकाता

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अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्त्वावधान में मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में अणुव्रत उद्‌बोधन सप्ताह का प्रथम दिन सांप्रदायिक सौहार्द दिवस के रूप में अणुव्रत समिति हावड़ा, कोलकाता द्वारा प्रेक्षा विहार में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा- आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया। अणुव्रत में उपासना तत्व गौण है और चरित्र की प्रधानता है। यह निर्विशेषण धर्म है। अणुव्रत मानवीय एकता का प्रतीक है। अणुवुत का अर्थ है जीवन की न्यूनतम शुद्धि छोटे छोटे व्रत अणुव्रत असाम्प्रदायिक आन्दोलन है। कोई भी वर्ग जाति का, लिंग, रंग, वर्ण का स्वीकार कर सकता है।
मुनि श्री ने आगे कहा दुनिया में नाना प्रकार के सम्प्रदाय है। सम्प्रदाय बुरा नहीं है। मेरा ही सम्प्रदाय श्रेष्ठ है जब सम्प्रदाय वाद आ जाता है तब समस्याओं का जन्म होता है। साम्प्रदायिक सौहार्द से देश में शांति का वातावरण में निर्मित है। धर्म पत्र है तो सम्प्रदाय लिपाफा है, धर्मगुदा है तो सम्पदाय छिलका है। सम्प्रदाय का जन्म धर्म के प्रचार के लिए ही होता है। सम्प्रदाय का महत्त्व में हर युग में रहा है। आपस में सद्‌भावना बनी रहे। प्रेम सौहार्द का विकास करें। पापी से नहीं पाप से घृणा करे। वैमन्यस्य घृणा,नफरत से देश‌ समाज रसातल की ओर जाता है। सौहार्द होगा तो विश्वास बढ़ेगा। मानवता के विकास के लिए साम्प्रदायिक सौहार्द जरूरी है।कार्यक्रम का शुभारंभ बालमुनि श्री कुणाल कुमार जी के अणुव्रत गीत के संगान से हुआ। स्वागत भाषण अणुव्रत समिति, हावड़ा अध्यक्ष दीपक नखत ने दिया। कलकत्ता अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिंगी ने अपने विचार व्यक्त किये। अणुव्रत मीडिया के संयोजक श्री पंकज दुधोडिया एवम अणुविभा का विशेष आमंत्रित सदस्य श्री विकाश दूगड़ की उपस्थिति रही। आभार ज्ञापन हावड़ा अणुव्रत समिति के मंत्री विरेन्द्र बोहरा ने किया। संचालन बाल मुनि श्री कुणाल कुमार जी ने किया।

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