अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल और प्रेक्षा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पिंपरी चिंचवड़ महिला मंडल द्वारा प्रेक्षा प्रवाह-शांति और शक्ति की ओर-मंत्र प्रेक्षा कार्यशाला तेरापंथ भवन, चिंचवड़ में शासनश्री साध्वीश्री कंचन प्रभाजी ठाणा-5 के सान्निध्य में 13 फरवरी को आयोजित की गई। कार्यशाला की शुरुआत शासनश्री साध्वीश्री कंचनप्रभा जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र के साथ हुई। मंडल की बहनों ने प्रेरणा गीत का संगान किया। अध्यक्ष शालिनी जी सिंघी ने सभी का स्वागत किया।
शासनश्री साध्वीश्री मंजू रेखा जी ने गीतिका से कार्यशाला को प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि तकदीर से ज्यादा और समय से पहले सभी को बहुत कुछ चाहिए यही वजह है कि हमें प्रेक्षा प्रवाह की जरूरत है।
उन्होंने बहुत ही सुंदर तरह से समझाया कि मजा और आनंद में क्या फर्क है। उन्होंने बताया कि मजे के लिए पैसे चाहिए और आनंद के लिए आध्यात्म की शक्ती।
साध्वीश्री निर्भयप्रभा जी ने बताया कि कैसे हम मित्रों के द्वारा अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। महामंत्र के 64 प्रकार की विधियां भी बताई। समस्याओं के निवारण के लिए मंत्र उच्चारण कैसे करना चाहिए और कौन-सा मंत्र उच्चारण करना चाहिए, वह भी बताया। मंत्र एक कवच है जो हमारी आभामंडल को स्वच्छ करता है। साध्वीश्री चेलनाश्री जी ने कलर थेरेपी के बारे में विस्तार से बताया, एक छोटी सी कहानी के माध्यम से उन्होंने समझाया कि हर एक कलर का अपना एक अस्तित्व होता है, कलर का लेश्या के साथ कनेक्शन है और प्रेक्षाध्यान उसका एक स्रोत है।
साध्वीश्री उदितप्रभा जी ने बताया कि नमस्कार महामंत्र 14 पूर्वों का सार है। जप को श्रद्धा के साथ करें तो फलदाई होता है और हमारे सारे कष्ट टल जाते हैं। उन्होंने महामंत्र का संकल्प एवं कलर के साथ ध्यान करवाया। शासनश्री साध्वीश्री कंचन प्रभाजी ने कहा कि ego main reason आर्त ध्यान, उसको केवल प्रेक्षाध्यान और मंत्रों से ही शांत किया जा सकता है। उन्होंने सकाम और अकाम निर्जरा एक घटना के माध्यम से बतायी। आभार ज्ञापन संरक्षिका लता जी कांकरिया ने किया। मंच संचालन शासनश्री साध्वीश्री मंजू रेखा जी ने किया। तेरापंथ सभा, पिंपरी चिंचवड के अध्यक्ष एवं कई गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यशाला में सहभागी बने। 35 भाई-बहनों ने कार्यशाला में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
