अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में मुनिश्री मोहजीत कुमार जी, मुनिश्री भव्य कुमार जी आदि ठाणा-3 के पावन सान्निध्य में बैंगलोर स्तरीय व्यक्तित्व विकास कार्यशाला ‘Think Different – Do Different & Be Different Workshop’ का अभातेयुप उपाध्यक्ष प्रथम पवन जी मांडोत की अध्यक्षता में तेयुप, विजयनगर द्वारा अर्हम भवन में आयोजन किया गया।
व्यक्तित्व विकास कार्यशाला में युवकों को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री मोहजीत कुमार जी ने कहा कि नया सोच नया चिन्तन नई अवधारणा को वर्तमान जीवन शैली के साथ तालमेल जोड़ना जरूरी है। नई पीढ़ी में अपनी स्वगत चिन्तन धारा को विकसित करना होगा। पश्चिम की संस्कृति से मुड़कर नया करने की मानसिकता के निर्माण में बुद्धि और विवेक को जगाना होगा। जिससे व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक स्थितियों में नूतनता का जन्म हो सकता है।
मुनिश्री जयेश कुमारजी ने इस अवसर पर उपस्थित युवावर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस तेजी से बदलते युग में व्यक्ति नई सोच के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है। मैं अनेक बार कहता हूं कि मनुष्य का जन्म कुछ नया करने हेतु हुआ है, पर नया करने के लिये पहले कुछ अलग सोचना जरूरी है। व्यक्ति अपनी अलग सोच से सामान्य कार्य को भी असाधारण उत्कृष्टता प्रदान कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि प्रसिद्ध सूक्त है-सफलता बड़ी चीजों में होती है पर खुशियां छोटी चीजों से मिलती है। कई लोग छोटी-छोटी खुशियों को ज्यादा महत्व देते है, पर सच्चाई यह है कि कुछ बड़ा किये बिना व्यक्ति जीवन में महानता का वरण नहीं कर सकता है। सफलता के लिये छोटी-छोटी खुशियों का बलिदान करना ही पड़ता है। हर महान व्यक्ति ने इनका बलिदान देकर ही असाधारण सफलताओं को हासिल किया है। मुनिश्री ने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला में प्राप्त संबोध आपके जीवन में नई सोच के जागरण के साथ उसे नई दिशा दे सकेगा।
कार्यक्रम की शुरुवात मुनिश्री द्वारा नवकार मंत्र के मंगल मंत्रोच्चार से किया गया। विजय गीत का मंगलाचरण विजय स्वर संगम टीम ने किया। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन पवन जी मांडोत ने किया। तेयुप अध्यक्ष कमलेश जो चोपड़ा ने सबका स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए व्यक्तित्व विकास कार्यशाला हेतु शुभकामना प्रेषित की। कमलेश जी ने मुनिश्री को विजयनगर प्रवास हेतु कृतज्ञता ज्ञापित की। सभा अध्यक्ष मंगल जी कोचर ने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिनेश जी पोखरणा ने चिंता और स्वस्थ चिंतन में फर्क करने हेतु प्रेरणा प्रदान की। मुख्य प्रशिक्षक श्री पदम संचेती ने बड़े लक्ष्यों को हमेशा सामने रखने हेतु अवचेतन मन को सकारात्मक, अनुशासित बनाने हेतु अच्छी आदतों पर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान की। कुछ प्रयोगों द्वारा प्रतिभागियों को रूढ़िवादी मानसिकता के प्रभाव बताए।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री पवन जी मांडोत ने रोचकता पूर्वक वर्तमान व्यापारिक परिदृश्य को रेखांकित किया। वर्तमान स्थिति में व्याप्त चुनौतियों में सोशल मीडिया के उपयोग एवं विशिष्ट तरीकों का उदाहरण देते हुए श्रोताओं का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम के अंत में इस कार्यक्रम के सहयोगी परिवार श्रीमती सुशीला देवी-पुखराज जी, नितिका जी-दीपक कुमारजी, रिदित जी श्री श्रीमाल, दिवेर-बेंगलोर, श्रीमान मनोज जी, बिंदु जी, तुषार जी, निहार जी महनोत उदासर-बेंगलोर का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर अणुविभा संगठन मंत्री राजेश जी चावत, अर्हम मित्र मंडल अध्यक्ष बहादुर जी सेठिया, टीपीएफ वेस्ट अध्यक्ष ललित जी बेगानी, महिला मंडल उपाध्यक्ष बरखा जी पुगलिया की गरिमामयी उपस्थिति रही। तेयुप विजयनगर उपाध्यक्ष विकास जी बांठिया, अशोक जी मारु, सहमंत्री कमलेश जी दक, कोषाध्यक्ष अमित जी नाहटा, संगठन मंत्री पंकज जी कोचर सहित अभातेयुप परिवार एवं स्थानीय पदाधिकारी, सम्मानित पूर्व अध्यक्ष गण, परामर्शगण, बेंगलोर की परिषदों के प्रबंध मंडल खासकर अध्यक्ष श्री विमल जी धारीवाल, कमलेश जी चौरडिया, कमलेश जी झाबक, बिकास जी छाजेड़, कन्हैया लाल जी गांधी, महावीर जी गन्ना, श्रावक-श्राविका, चेन्नई एवं बेंगलोर किशोर मंडल, श्रावक समाज, युवाओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक विकास जी बांठिया एवं सह-संयोजक विनय जी पितलिया का श्रम रहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री संजय जी भटेवरा एवं राकेश जी पोकरणा ने किया। आभार ज्ञापन सहमंत्री पवन जी बैद ने किया।
